Quad Summit: देश के पीएम मोदी (PM Narendra Modi) टोक्यो (Tokyo) में 24 मई को क्वाड देशों के शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. रूस-यूक्रेन जंग के बीच QUAD की ये बैठक बेहद अहम है. भारत के लिए QUAD इसलिए अहम है क्योंकि चीन की शातिर चाल को काउंटर करने के लिए ये एक बड़ी स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप है…
दुनिया भले ही रूस को अमेरिका का दुश्मन समझती हो..लेकिन अमेरिका भी ये बखूबी जानता है कि सबसे बड़ी चुनौती उसे चीन से ही है. चीन बड़े शातिर तरीके से रूस को आगे कर अमेरिका का ध्यान भटका रहा है…ताकि एशिया-पेसिफिक रीजन में वो अपनी मनमानियों को अंजाम दे सके
हालांकि अब तक क्वाड ने आधिकारिक तौर पर चीन का उल्लेख नहीं किया है कि लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि क्वाड का डिजायन बीजिंग से निपटने के लिए ही तैयार किया गया है क्योंकि जो भी देश इस ग्रुप में शामिल हैं इनमें से अमेरिका को छोड़कर बाकी तीनों देशों से चीन सीमा विवाद बढ़ाकर उलझता रहा है
जिनपिंग बेहद धूर्त चाले चलने में माहिर हैं. यही वजह है कि बीजिंग क्वाड को छोटा NATO या एशियाई NATO बताता है, ताकि रूस और भारत के संबंधों में इस नज़रिए से दरार डाली जा सके..क्योंकि रूस नाटो को लेकर बेहद एग्रेसिव रहा है..और पुतिन NATO को अमेरिका के साम्राज्यवादी इरादों का टूल बताते हैं..
ये बाद दीगर है कि क्वाड के भीतर भारत अपने हितों और संबंधों को लेकर सजग रहा है…रूस यूक्रेन जंग में जहां क्वाड के तीनों देश अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान रूस की निंदा कर चुके हैं…तो वहीं भारत ऐसी किसी भी प्रतिक्रिया से बचता रहा है…क्योंकि रूस के साथ उसके संबंध बेहद मजबूत रहे हैं..
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पीएम मोदी के रेजीम में भारत अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म और संगठनों में पहले से ज्यादा मुखर और आक्रामक हुआ है. खासकर अपने व्यापारिक और सामरिक हितों के मद्देनज़र. यही वजह है कि पीएम मोदी की कोशिश इस बैठक में भी, चीन की विस्तारवाद वाली पॉलिसी को काउंटर करने पर होगी.
(BY: VANSHIKA SINGH)