Smart Meter : बिहार में बिजली के स्मार्ट मीटर का विस्तार तेज़ी से हो रहा है। 2025 तक राज्य के डेढ़ करोड़ से अधिक घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है।
इन मीटरों की मॉनिटरिंग का जिम्मा अब रेवेन्यू मॉनीटरिंग सेल को सौंपा गया है। जहां एक तरफ स्मार्ट मीटर को लेकर राजनीतिक विवाद हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ बिजली चोरी के कई चौंकाने वाले मामले भी सामने आए हैं। कुछ उपभोक्ता ऐसी तकनीक का उपयोग करते पाए गए हैं, जिससे स्मार्ट मीटर को बायपास कर बिजली चोरी की जा रही थी।
स्मार्ट मीटर से की जा सकती है बिजली चोरी
स्मार्ट मीटर में सेंसर लगाकर बिजली चोरी का नया तरीका अपनाया जा रहा है। चोर एक सेंसर का इस्तेमाल करके मीटर की रीडिंग को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे बिजली चोरी संभव हो रही है। यह सेंसर स्मार्ट मीटर पर लगाया जाता है और रिमोट से इसे नियंत्रित किया जाता है। छापेमारी में पकड़े गए मामलों में पाया गया कि बिजली चोर इस तकनीक के जरिए मीटर को बाइपास करके बिजली का उपयोग कर रहे थे, और स्मार्ट मीटर को इसकी कोई जानकारी नहीं हो रही थी।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की देखरेख और सॉफ्टवेयर का काम अगले 10 वर्षों तक वही कंपनी करेगी जो मीटर लगा रही है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा था कि सरकार सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, कई उपभोक्ता यह शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें मनमाना बिजली बिल मिल रहा है। इन शिकायतों को निपटाने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है।
इंदौर के बाद पटना में भी सामने आया बिजली चोरी का मामला
मध्यप्रदेश के इंदौर में जिस तरह से बिजली चोरी के मामले सामने आए थे, उसी प्रकार की तकनीक से पटना में भी बिजली चोरी का खुलासा हुआ है। पेसू ने शहर में बिजली चोरी को रोकने के लिए एसटीएफ की एक टीम बनाई, जिसने विभिन्न जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान कई बिजली चोरी के मामले पकड़े गए। इन मामलों में ज्यादातर वही तकनीक इस्तेमाल हो रही थी जो इंदौर में देखी गई थी।
कैसे की जा रही है सेंसर के जरिए बिजली चोरी?
पटना में छापेमारी के दौरान पकड़े गए बिजली चोर स्मार्ट मीटर पर सेंसर लगाकर रिमोट से इसे नियंत्रित कर रहे थे। इस सेंसर की मदद से मीटर की रीडिंग को बाधित किया जा रहा था, जिससे मीटर को बायपास करके बिजली चोरी की जा रही थी। इस तरीके से 10 मामलों में से 6 में इसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया। छापेमारी के दौरान पकड़े गए लोगों पर करीब 8 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।