Bheelwada incident: स्कूल गेट के पास गिरी हुई बेहोश,13 साल की छात्रा की हार्ट अटैक से मौत,गांव और स्कूल में मातम

भीलवाड़ा जिले में 13 साल की छात्रा कृष्ण बेरवा की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। डॉक्टरों ने इसे हृदय संबंधी बीमारी बताया। घटना से गांव और स्कूल में मातम छा गया और हर कोई स्तब्ध रह गया।

13 year old student dies of heart attack in Bhilwara

Rajasthan tragic news : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया इलाके से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां 13 साल की छात्रा की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे गांव और स्कूल में शोक की लहर दौड़ गई।

स्कूल गेट के पास गिरी बेहोश

मृतका का नाम कृष्ण बेरवा बताया जा रहा है। बुधवार को छुट्टी के बाद जब वह स्कूल से घर लौट रही थी, तभी स्कूल के गेट पर अचानक उसे चक्कर आया और वह जमीन पर गिर गई। साथ में चल रहे बच्चों ने उसे संभालने की कोशिश की, लेकिन उसकी हालत तेजी से बिगड़ती चली गई।

अस्पताल ले जाने के बाद भी नहीं बच सकी

घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीण और शिक्षक तुरंत मौके पर पहुंचे। बच्ची को पहले नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया और फिर सरकारी अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यह मामला दिल से जुड़ी जन्मजात बीमारी का हो सकता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी संभावना जताई गई कि अचानक हुए हार्ट अटैक की वजह से ही बच्ची की मौत हुई है।

इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों?

परिजनों और ग्रामीणों को यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि महज 13 साल की उम्र में भी किसी बच्चे को हार्ट अटैक आ सकता है। वहीं डॉक्टरों ने चिंता जताते हुए कहा कि अब छोटे बच्चों में भी हृदय से जुड़ी बीमारियां सामने आ रही हैं।

बच्चों में दिल की बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं?

विशेषज्ञों के अनुसार, बदलती जीवनशैली, जंक फूड, शारीरिक गतिविधियों की कमी और तनाव बच्चों में हृदय रोग का बड़ा कारण बन रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को एक्टिव रखना, उन्हें नियमित व्यायाम और संतुलित आहार देना बेहद जरूरी है। इससे इस तरह की गंभीर स्थितियों से बचाव किया जा सकता है।

गांव और स्कूल में मातम

कृष्ण की मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम छा गया। स्कूल में भी सन्नाटा फैल गया। सहपाठी और शिक्षक गमगीन हो गए। हर किसी के मन में यही सवाल था कि इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी से किसी मासूम की जान कैसे चली गई।

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