Barmer boy Shravan NEET success story : IFS अधिकारी परवीन कसवान ने सोशल मीडिया पर एक प्रेरणादायक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने राजस्थान के बारमेर जिले के एक छोटे से गांव के लड़के श्रवण की कहानी सुनाई। श्रवण ने NEET परीक्षा पास करके वो कर दिखाया जो कई लोग सिर्फ सपना ही देख पाते हैं। अब वह डॉक्टर बनने की राह पर है और पूरे गांव का नाम रोशन कर रहा है।
मुश्किलों को हराकर पाई कामयाबी
श्रवण का सफर आसान नहीं था। उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन उसने हालात को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। दिन-रात पढ़ाई की, बिना किसी कोचिंग के खुद से मेहनत की और आज उसने NEET क्लियर कर लिया है। यह कहानी उन लाखों युवाओं को उम्मीद देती है जो सीमित संसाधनों में भी अपने बड़े सपने पूरे करना चाहते हैं।
परिवार और गांव ने बढ़ाया हौसला
श्रवण का कहना है कि उसके माता-पिता ने उसे कभी पीछे नहीं हटने दिया। गांव के लोगों ने भी उसे पूरा समर्थन दिया। परवीन कसवान ने इसे सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जीत बताया। यह दिखाता है कि जब कोई बच्चा आगे बढ़ता है, तो उसके साथ पूरा समुदाय उठता है।
अब है नई मंज़िल की ओर बढ़ने का वक्त
अब जब श्रवण ने NEET निकाल लिया है, तो उसकी अगली मंज़िल मेडिकल कॉलेज है। जल्द ही वह डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करेगा। परवीन कसवान ने अपने ट्वीट में लिखा, “अब ये बच्चा सिर्फ अपने गांव का नहीं, पूरे देश का बेटा है।” ये बताता है कि शिक्षा में वो ताक़त है जो ज़िंदगी की दशा और दिशा दोनों ही बदल देती है।
क्या सीख मिलती है इस कहानी से?
मेहनत और लगन से कुछ भी मुमकिन है।
परिवार और समाज का साथ हो, तो कोई सपना अधूरा नहीं रहता।
सरकारी और सामाजिक सहयोग अगर सही दिशा में मिले, तो गांवों से भी डॉक्टर और वैज्ञानिक निकल सकते हैं।
और सबसे जरूरी, कभी हार नहीं माननी चाहिए, चाहे रास्ता कितना भी कठिन क्यों न हो।
श्रवण कुमार ने अपने नाम और अटल बिहारी वाजपेई की इन पंक्तियों को सार्थक कर दिया
“हार नहीं मानूंगा,
रार नहीं ठानूंगा,
काल के कपाल पर
लिखता-मिटाता हूँ,
गीत नया गाता हूँ।”
यह कविता आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देती है और संघर्ष के समय में उम्मीद की रोशनी देती है। इसी तरह श्रवण की कहानी भी हमे बताती है। की हौसला, मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है
श्रवण की कहानी एक मिसाल है उन लाखों युवाओं के लिए जो संघर्षों से जूझते हुए अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं। ये कहानी हमें सिखाती है कि हौसला, मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। भारत के गांवों में भी अपार टैलेंट छुपा हुआ है, बस जरूरत होती है उसे बाहर निकालने की निखारने की।