IITian Baba controversy आईआईटियन बाबा महाकुंभ खत्म होने के बाद भी चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में, एक न्यूज चैनल के शो में भी उन्होंने बवाल मचा दिया था। इतना ही नहीं, गुस्से में आकर उन्होंने एक संत पर गर्म चाय तक फेंक दी। उनके इस व्यवहार ने लोगों को हैरान कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में ये बाबा होते हैं या सिर्फ वेशभूषा के पीछे कोई और खेल चल रहा होता है। इस पाखंड का पर्दाफाश करने का काम प्रेमानंद महाराज पहले ही कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे आईआईटियन बाबा जैसे लोगों की सच्चाई सामने ला रहे हैं।
प्रेमानंद महाराज ने खोली पोल
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में प्रेमानंद महाराज ने कुछ ऐसी बातें कही हैं जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आजकल कोई भी व्यक्ति दाढ़ी बढ़ाकर और साधु जैसी पोशाक पहनकर खुद को बाबा बताने लगता है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या बिना गुरु के कोई साधु बन सकता है? तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया। उनका कहना था कि असली साधु बनने के लिए गुरु का होना बहुत जरूरी है। लेकिन कुछ लोग सिर्फ प्रसिद्धि पाने और अपने स्वार्थ पूरे करने के लिए साधु का वेश धारण कर लेते हैं।
क्या ये बाबा असली हैं या नकली?
प्रेमानंद महाराज ने बिना किसी लाग लपेट के यह साफ कर दिया कि कुछ लोग साधु के रूप में सिर्फ नशा करने और लोगों को ठगने के लिए आते हैं। वे कहते हैं कि ऐसे ढोंगी बाबाओं को पहचानना बहुत जरूरी है ताकि लोग इनके जाल में न फंसें।
उनका कहना था कि आजकल असली और नकली साधु में फर्क करना मुश्किल हो गया है। आम लोग धोखा खा जाते हैं क्योंकि ये फर्जी बाबा अपनी छवि चमकाने के लिए बड़े बड़े दावे करते हैं और मीडिया में सुर्खियां बटोरने की कोशिश करते हैं।
फर्जी बाबाओं से बचने की जरूरत
प्रेमानंद महाराज ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि असली संत और साधु वो होते हैं जो सनातन परंपरा का पालन करते हैं, समाज सेवा करते हैं और किसी स्वार्थ के बिना आध्यात्मिक मार्ग दिखाते हैं।
लेकिन आजकल कुछ लोग साधु की वेशभूषा में आकर सिर्फ अपनी पहचान बनाने और लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उनका मकसद सिर्फ पैसा कमाना और खुद को चर्चा में बनाए रखना होता है।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल
प्रेमानंद महाराज के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है। लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग उनके विचारों से सहमत दिखे तो कुछ ने इसे विवादित करार दिया।
आज के समय में साधु-संतों की पहचान करना मुश्किल हो गया है। प्रेमानंद महाराज ने आईआईटियन बाबा जैसे ढोंगियों की पोल खोलकर यह दिखा दिया कि लोग आसानी से उनके झांसे में न आएं। उनका कहना बिल्कुल सही है कि असली संत वह होते हैं जो गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करते हैं और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करते हैं