Hariyana News: यह एक दिल को चीर देने वाली कहानी है। हरियाणा के पिहोवा गांव का रहने वाला संटी 8 साल बाद पुर्तगाल से घर लौटने वाला था, लेकिन उसका सपना टूट गया। 24 जनवरी को घर लौटने की बजाय, संटी का शव 24 फरवरी को घर पहुंचा। उसने अपनी भाभी, भतीजी और मां से उनका पसंदीदा सामान लाने के लिए बार-बार बात की थी, लेकिन अब वो कभी नहीं लौटेगा।
संटी की अचानक मौत
संटी अपने भाई से 21-22 जनवरी को फोन पर बात कर रहा था, और कुछ देर बाद उसकी आवाज़ बंद हो गई। जब भाई ने बहुत कोशिश की, तो दोस्तों को भेजकर संटी का हाल जानने के लिए कहा। कुछ घंटों बाद, उसके दोस्त उसे मृत पाए, और रिपोर्ट में पता चला कि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। यह खबर उसके परिवार के लिए एक गहरा शॉक थी।
परिवार की मदद के लिए संघर्ष
संटी के परिवार ने कई बार प्रशासन से मदद की अपील की, ताकि उनका बेटा घर वापस आ सके, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। कर्ज लेकर उन्होंने संटी का शव भारत लाने की कोशिश की। परिवार का दर्द और दुख अब दोगुना हो गया है। संटी ही था, जो परिवार का सहारा था और उनकी रोज़ी-रोटी का ज़रिया।
शादी के सपने और भविष्य
संटी की शादी के लिए एक लड़की देखी गई थी, और 21 फरवरी को उसकी शादी के लिए लड़की को देखने जाना था, लेकिन इससे पहले ही दिल का दौरा आ गया और उसकी जान चली गई। परिवार को अब संटी की कमी हमेशा महसूस होगी, और उसकी यादें उन्हें हर रोज़ सताएंगी।
कर्ज और संघर्ष
संटी का शव लाने के लिए परिवार ने लगभग 22 लाख रुपये खर्च किए। प्रशासन की कोई मदद नहीं मिलने से परिवार को बहुत संघर्ष करना पड़ा। यह सब देखकर लगता है कि जीवन में कुछ भी स्थिर नहीं है, और कभी भी कुछ भी हो सकता है।