उच्च रक्तचाप की दवाएं भी सेक्स संबंधी दुर्बलता पैदा कर सकती हैं। इसलिए उनके सेवन के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। जहां तक संभव हो सके उच्च रक्तचाप की दवाएं सायंकाल लेनी चाहिए इससे उनका प्रभाव बढ़ जाता है। यह जानकारी मुंबई से आये डॉ. दीपक जुमानी ने शनिवार को अटल बिहारी बाजपेई कन्वेंशन सेंटर में आयोजित बीपीकान 2022 के दौरान दी।
डॉ. दिव्या सक्सेना ने बताया कि महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की पहचान समय पर करना बहुत जरूरी है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप मां और बच्चे दोनों की मौत का कारण बन सकता है। इसलिए समय रहते इलाज से जच्चा-बच्चा दोनों को बचाया जा सकता है।
बैंगलोर से आई डॉ. स्मिता भट्ट ने बताया कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं में उच्च रक्तचाप की दी जाने वाली सभी दवाएं सुरक्षित नहीं है। ऐसी अवस्था में दवाओं का चयन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
खाने में नमक की मात्रा कम करने से उच्च रक्तचाप का इलाज संभव
बैंगलोर से आए डॉ. प्राण प्रभू ने बताया कि भारत में लगभग 30 प्रतिशत लोग साल्ट सेंसटिव हैं, वह अगर अपने खाने में नमक की मात्रा कम कर दें तो उनमें उच्च रक्तचाप कम हो जायेगा। रायपुर से आए डॉ. अरूण केड़िया ने यह बताया कि भोजन में मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाने से उच्च रक्तचाप का इलाज संभव है। अमेरिका से डॉ. वेंकट एस राम ने वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से यह बताया कि उच्च रक्तचाप में यूरिक एसिड का क्या दुष्प्रभाव हो सकता है। उन्होंने भोजन की व्यवस्था में परिवर्तन के द्वारा यूरिक एसिड को कम करने की चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि एनिमल प्रोटीन का सेवन न्यूनतम होना चाहिए।
बैंगलोर से आए डॉ. श्रीनिवास मूर्ति ने कहा कि भारत में इस दिशा में शोध की जरूरत है। घर पर रक्तचाप कैसे नापा जाए इस संबंध में एक कार्यशाला हुई जिसमें डॉ. मोहसिन असलम, डॉ. हसमुख शाह तथा डॉ. बालकृष्ण गुप्ता ने रक्तचाप नापने के तरीके सुझाए। एक और कार्यशाला चलते-फिरते समय रक्तचाप कैसे नापा जाए इस पर चर्चा की गई, जिसमें ऋषिकेश से आए डॉ. अरूण गोयल तथा मेरठ से आई डॉ. स्नेहलता वर्मा ने लोगों को इस प्रकार के रक्तचाप को नापने के विषय में बताया।