लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में लुटरी दुल्हनों ने हैरतअंगेज वारदात को अंजाम दे डाला। यहां के 12 परिवारों की नई-नई आई दुल्हनें करवाचौथ का व्रत रखकर, छलनी में चांद दिखाकर, पति की आरती उतारी। पतियों ने पानी पिलाकर पत्नियों का व्रत खुलवाया। रात को कमरे में सभी जोड़े कमरे में सोने के लिए चले गए। तभी मौका पाकर 12 दुल्हनों ने पतियों के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को नशीला खाना खिला कर लाखों की नकदी और जेवर लेकर फरार हो गईं।
ये मामला अलीगढ़ के सासनी गेट थानाक्षेत्र का है। यहां अब तक चार एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि करवाचौथ से ठीक पहले इलाके में 12 युवकों की शादी हुई थी। दूल्हों की ये सभी ’दुल्हनें’ बिहार और झारखंड से लाई गई थीं, जिन्हें दलालों ने लड़कियों की कमी झेल रहे घरों में ब्याह करवा दिया था। शादी के लिए इन दलालों को 80 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की रकम दी गई थी। शादी के बाद सभी दुल्हनें अपने-अपने घरों पर रहती थीं। करवाचौथ पर सभी ने व्रत रखा। पूजा की और रात में खाने पर नशीला पदार्थ खिलाकर दूल्हों समेत परिवार के अन्य सदस्यों को सुला दिया और घर पर रखे जेवरात-पैसे लेकर भाग खड़ी हुई।
मामले की जांच में सामने आया कि सभी बारहों दुल्हनों ने शादी के बाद बड़े प्यार और सलीके से ससुराल वालों का दिल जीत लिया था। किसी ने सास के साथ मंदिर जाने की आदत डाल ली थी, तो कोई पति के साथ खेतों तक जा पहुंची थी। सबने करवाचौथ का व्रत भी रखा। परिवार वालों के मुताबिक, रात के खाने में सभी दुल्हनों ने खुद हाथ लगाकर व्यंजन बनाए। उसी खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया। जैसे ही परिवार वाले बेहोश हुए, वैसे ही सबने अपनी-अपनी गठरी बांधी और भाग निकलीं। सुबह जब लोग होश में आए, तो अलमारियां खुली थीं, लॉकर खाली थे और सुहागनें घर में नहीं थी।
इन शादी में दलालों ने अहम भूमिका निभाई थी. ज्यादातर शादियां तीन से चार दलालों के नेटवर्क के जरिए हुई थीं। ये लोग दावा करते थे कि बिहार या झारखंड की ‘गरीब लेकिन संस्कारी लड़कियों’ को अच्छे परिवारों में बसाना चाहते हैं। जब लड़कियां भागीं, तो सबसे पहले उन्हीं दलालों के नंबर पर फोन किए गए मगर सभी नंबर या तो बंद मिले या फिर इस नंबर पर अब कोई और बोल रहा है की आवाज आई। धीरे-धीरे सच सामने आया कि यह कोई संयोग नहीं बल्कि एक सुनियोजित जाल था।पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन 12 लुटेरी दुल्हनों ने मिलकर करीब 30 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है। इसमें सोने-चांदी के जेवर, नकदी और मोबाइल फोन शामिल हैं।
एक पीड़ित ने बताया, शादी को बस 10 दिन हुए थे, करवाचौथ पर उसने बड़े प्यार से पूजा की। हम सब भावुक हो गए. सोचा था नसीब खुल गए, पर सुबह देखा तो सब कुछ लुट गया। दूसरे परिवार ने बताया कि शादी से पहले लड़कियों ने साधारण परिवार का दिखावा किया था, ताकि शक न हो। कई घरों में तो पड़ोसी बाराती बनकर गए थे यानी सबकुछ पूरी तैयारी से हुआ। सासनी गेट थाने में जैसे ही पहले परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराई, वैसे ही बाकी पीड़ित भी पहुंच गए। धीरे-धीरे पता चला कि यह एक संगठित ठगी का रैकेट है।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह कोई नया फार्मूला नहीं है। कई बार ऐसे गिरोह गरीब इलाकों से युवतियों को बहला-फुसलाकर शादियों में भेजते हैं। शादी के बाद वे कुछ दिन ससुराल में रहती हैं, भरोसा जीतती हैं और फिर एक दिन नकदी-जेवर लेकर फरार हो जाती हैं। इस रैकेट का फायदा उन इलाकों में उठाया जाता है जहां लिंगानुपात असंतुलित है और गरीब या उम्रदराज़ पुरुषों को शादी के लिए दुल्हन नहीं मिलती। अलीगढ़ पुलिस ने शक जताया है कि यह गिरोह पहले भी हाथरस, बुलंदशहर और बदायूं में ऐसी वारदातें कर चुका है। अब अलीगढ़ में यह अब तक की सबसे बड़ी ठगी साबित हो रही है।
एएसपी मयंक पाठक ने बताया, यह एक सुनियोजित गिरोह है जो बिहार-झारखंड और पश्चिमी यूपी में सक्रिय है। चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आरोपियों की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं। जल्द ही सबकी गिरफ्तारी होगी। पुलिस ने अब बिहार और झारखंड के कई जिलों में संपर्क साधा है, ताकि इन महिलाओं की असली पहचान निकल सके। जिन एजेंटों ने यह रिश्ता कराया, उनके फोटो और दस्तावेज भी जुटाए जा रहे हैं।