आज से वाराणसी में एक महीने तक मिनी तमिलनाडु की झलक देखने को मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी में महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम्’ का आज वाराणसी पहुचं कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जिसके चलते इस आयोजन में तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों से 2500 डेलिगेट्स काशी पहुंचे हैं। कार्यक्रम बीएचयू के एमपी थियेटर ग्राउंड में आयोजित किया गया है। इस दौरान पीएम मोदी के साथ मंच पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा काशी और तमिलनाडु दोनों में शिव हैं
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में पहुचं अपने संबोधन में कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों में भगवान शिव हैं। एक सच में काशी है, तो दूसरे में दक्षिण काशी। पीएम मोदी ने दोनो में समानताएं गिनाते हुए कहा, जहां काशी एक ओर पूरे भारत को अपने आपमें समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी है। तो वहीं दूसरी ओर, तमिलनाडु भारत की प्राचनीता और गौरव का केंद्र है।
तमिल सबसे प्राचीन भाषा
मोदी ने भाषा पर जोर देते हुए कहा हमारे पास दुनिया की सबसे पुरानी भाषा तमिल है। उन्होंने अपनी बात में कहा हम 130 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी है अपनी इस विरासत को बचाए रखना।
योगी बोलें दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ‘काशी तमिल संगमम्’ का आयोजन होने जा रहा। जिससे दक्षिण का उत्तर से अद्भुत संगम हो रहा है। यह आयोजन ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को जीवित कर रहा है।
वेंकट रमना मंदिर के पहले तमिल ट्रस्टी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कार्यक्रम उद्घाटन के बाद के. वेंकट रमना घनपति को काशी विश्वनाथ मंदिर का पहला तमिल ट्रस्टी बनाया। वेंकट रमना तमिल मूल के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट का ट्रस्टी बनाया है।