Uttarakhand Congress: उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर एक बार फिर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के सचिवालय कूच को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। वहीं 21 नवंबर को प्रीतम सिंह प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों के साथ सचिवालय कुछ करने जा रहे हैं जिसकी पूरी रणनीति अख्तियार कर ली गई है। प्रीतम सिंह की इस रैली के लिए छपवाए गए पोस्टर पर प्रदेश स्तर के किसी भी चेहरे को सामिल न करने से संगठन के आपसी वर्चस्व को लेकर फिर सवाल खड़े हो रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से जिस तरह प्रदेश कांग्रेस के बड़े चेहरे नए संगठन से दूरियां बनाए हुए हैं। उससे कांग्रेस की कलह समय- समय पर खुलकर सामने आ रही है। बता दें कि प्रीतम ने प्रदेश के ज्वलंत मुद्दों यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले, विधानसभा बैकडोर भरतीय घोटाले व अंकिता भंडारी हत्याकंड की सीबीआई से जांच कराए जाने, बढ़ती बेरोजगारी, बेतहाशा, महंगाई के खिलाफ, सिस्टम व सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ, बिगड़ती कानून व्यवस्था आदि को लेकर 21 नवंबर को सचिवालय कूच का एलान किया है।
इसके लिए उनकी ओर से तमाम पोस्टर सोशल मीडिया में प्रचारित किए जा रहे हैं। इन पोस्टरों में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चित्र के साथ पार्टी का निशान पंजा चस्पा किया गया बै, लेकिन प्रदेश के किसी भी नेता को पोस्टरों में स्थान नहीं गिया गया है। यहां तक की प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव का भी चित्र नहीं लगा है।
वहीं इस मसले पर प्रीतम सिंह ने कहा है कि उन्होंने सभी को आमंत्रण दे दिया है, जो सम्मलित होना चाहे उनका स्वागत है। वहीं प्रतीम सिंह के इस बयान पर संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है प्रवक्ता गरिमा मेहरा दासोनी ने कहा है कि पोस्टर में प्रदेश स्तरीय नेताओं का गौण होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे संगठन के नेता व कार्यकर्ता बेहद आहत हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जिन ज्वलंत मुद्दों के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष सचिवालय कुच कर रहे हैं उससे कांग्रेस को ही फायदा होगा।।