पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किले एक बार फिर से बढ़ गई हैं। बता दें कि सिरसा में युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। दुष्कर्म का मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट में पेसी पर न आने की वजह से न्यायालय ने समन जारी किया था, लेकिन लगातार कोर्ट में पेश न होने पर एमपी-एमएलए ने आज चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंत जारी कर दिया है।
कोर्ट ने 9 दिसंबर 2022 को चिन्मयानंद को पुलिस कस्टडी में पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाना अध्यक्ष की मौजूदगी में हाजिर होने के कोर्ट ने आदेश दिए है। वर्ष 2011 में चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था और इसमें एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
इसके बाद यह मुकदमा एमपी-एमएलए कोर्ट में चला गया. वर्ष 2017 में भाजपा सरकार बनने पर चिन्मयानंद के इस मुकदमे को वापस लेने का प्रयास शुरू हुआ, लेकिन कोर्ट ने लोकहित से जुड़ा मामला मानते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. इस मामले में आज सुनवाई की तिथि नियत हुई थी, लेकिन स्वामी चिन्मयानंद आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुए.