बाहुबली नेता और मऊ के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गुरुवार को कोर्ट ने दस साल की सजा सुनाई है।पूर्व विधायक को ये सजा गाजीपुर के MP-MLA कोर्ट ने सुनाई है। 26 साल बाद अदालत ने अंसारी को मुजरिम करार देने के बाद 10 साल की सज़ा और 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है। मुख्तार अंसारी के ऊपर 5 गैंग चार्ज में 12 दिसंबर को 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी थी। इसके बाद फैसला सुनाने की तारीख 15 दिसंबर यानी की आज तय की गई थी।
26 साल पुराने मामले हुई सजा
1996 में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का ये मुकदमा दर्ज हुआ था। 26 साल पुराने इस मामले में 25 नवंबर कोर्ट द्वारा फैसला सुनाने की तारीख तय की गई थी। लेकिन जज का ट्रांसफर होने की वजह से फैसला आने में थोड़ी देरी हो गयी।नए जज दुर्गेश पांडेय के आने के औपचारीक तौर पर 15 दिसंबर को फैसले की तारीफ तय की गई थी। गैंगस्टर एक्ट का ये मामला अवधेश राय की हत्या, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह हत्याकांड, कांस्टेबल रघुवंश सिंह की हत्या, एडिशनल एसपी पर हमले और गाजीपुर में पुलिसकर्मियों पर हमले के मामलों को लेकर एक साथ लगाया गया था।
सरकारी वकील ने बताया मुख्तार के खिलाफ 54 केस
सरकारी वकील नीरज श्रीवास्तव ने जानकारी में बताया कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ वैसे तो 54 केस हैं। लेकिन गैंगस्टर ऐक्ट में कार्रवाई के लिए 5 केस को आधार बनाया गया था। इन 5 में 2 वाराणसी, 2 गाजीपुर और एक चंदौली में हुए केस थे। 1996 में ये केस दर्ज हुए थे। 26 साल के बाद आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है।