जिस आशियाने को बनाने में लोगों ने रात दिन एक कर पाई-पाई लगाई, जहां लोगो ने घर के हर कोन-कोने में खुशियों के पल बिताएं पता नहीं कब वो अचानक मिट्टी में मिल जाएंगे। जहां सूरज कि किरणे पड़ते ही चहल पहल और चेहरे पर मुस्कान देखने को मिलती थी तो वहीं अब लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है, डर है तो सिर्फ इस बात का, कि ना जाने कब वो सवेरा होगा जब जोशीमठ धंस जाएगा और साथ ही उनके सपने भी।
जोशीमठ के लोगों के दिलों का दर्द शब्दों में जाहिर कर पाना इतना आसान नहीं है। जोशीमठ त्रासदी से अस्त-व्यस्त जन जीवन के चलते स्थानीय लोगों को बिखरते आशियाने को देखकर आने वाले कल की चिंता सता रही है और सबसे बड़ी चिंता है एक बार फिर नए सिरे से जीवन शुरू करना। वहीं सरकार के सामने भी जोशीमठ संकट के चलते बेघर हुए इन लोगों के राहत-बचाव पैकेज के साथ पुनर्वास की भी चुनौती है।
जोशीमठ में नए शहर बसाने को लेकर तैयारियां शुरू
बता दें कि शहर के 700 से ज्यादा दरारे आ चुंकी है। कुछ होटलों समेत घरों को गिराया जाना हैं। वहीं जोशीमठ में आपदा के बाद नए शहर बसाने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। शहरी विकास व आवास विकास विबाग द्वारा सरकार के साथ कोडिनेट कर जमीन पर निरीक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। जिस तरह से आपदा प्रबंधन विभाग ने पीपलकोटी, कोटीबाग समेत अन्य स्थानों पर निरीक्षण किया जा रहा है तो वहीं शहरी विकास विभाग की टीम भी अपने स्तर से सर्वे के काम में जुटी हुई है।
एक नए टाउनशिप के तौर पर विकसित किया जाएगा जोशीमठ
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल का कहना है कि जोशीमठ एक नए टाउनशिप के तौर पर विकसित किया जाएगा। उसके लिए शहरी विकास और आवास विकास विभाग द्वारा तैयारियां की जा रही हैँ। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जोशीमठ के लोगों को फाइनेंशली दिक्कत ना हो इसके लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। आपको बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के पास वित्त विभाग भी है । वहीं केंद्र से भी बड़े राहत पैकेज की मांग जल्द ही राज्य सरकार केंद्र से करेगी।