वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी लोहा ही लोहे को काटता है। बंदरों के उत्पात को लंगूर ही रोक सकता है। इस सच को आगरा में रेलवे ने भी स्वीकार किया है। रेलवे ने बंदरों के आतंक से स्टेशनों को मुक्ति दिलाने के लिए लंगूर के कटआउट लगवाए हैं। बात दें कि इस वक्त आगरा में बंदरों का आतंक है। घनी आबादी, स्मारक और रेलवे स्टेशन पर बंदरों के झुंड उत्पात मचा रहे हैं। उत्पाती बंदरों से आमजन, वीवीआईपी और मेहमान भी काफी परेशान हैं। ताजमहल पर एएसआई और नगर निगम के कर्मचारी मिलकर बंदर पकड़ रहे हैं।
बंदरों का आतंक खत्म करने के लिए लंगूरों की फोटो
वहीं रेलवे स्टेशनों पर बंदरों का आतंक खत्म करने के लिए रेलवे प्रशासन ने लंगूरों की फोटो और आवाज का सहारा लिया है। जी हां आपको बता दें कि राजा मंडी स्टेशन पर आरपीएफ एसआई पर बंदरों के झुंड के हमले के बाद रेलवे ने लंगूर के फोटो का सहारा लिया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि, देश के अन्य कई जिलों में लंगूर की फोटो और आवाज से बंदरों को भागने का प्रयोग सफल रहा है। इसी वजह से हमने भी यही तरकीब आजमायी है। उम्मीद करते हैं कि आगरा के स्टेशन पर इससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
बंदरों के आतंक से परेशान यात्री
“कटआउट आगरा में बंदरों का आतंक कोई नया नहीं है। ताजनगरी के पर्यटक स्थल ताजमहल, आगरा किला, सिकंदरा, फतेहपुर सीकरी, एत्मादउद्दौला स्मारक के साथ ही पुराने शहर और रेलवे स्टेशनों पर बंदर उत्पात मचाते हैं। बंदरों की धमालचौकड़ी से जहां सामान का नुकसान हो रहा है तो वहीं आम लोगों की सुरक्षा पर खतरा भी मंडरा रहा है। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के खाने पीने का सामान बंदर छीन ले जाते हैं। बंदरों के हमले में कई यात्री घायल हो चुके हैं।मंगलवार शाम राजा की मंडी स्टेशन पर ड्यूटी पर तैनात एसआई पर बंदरों ने हमला कर दिया था।
पूर्व में रेलवे ने नौकरी पर रखे थे लंगूर
रेलवे की ओर से रेलवे स्टेशन पर बंदरों को भगाने के लिए पूर्व में कांट्रेक्ट पर लंगूरों को नौकरी पर रखा गया था। लेकिन, पशुप्रेमी और वन्यजीव प्रेमी संस्थाओं के विरोध के कारण रेलवे ने लंगूरों को हटा दिया था। आगरा पुलिस ने भी एसएसपी कार्यालय और पुलिस लाइन में लंगूरों को नौकरी पर रखा था।इन लंगूरों को भी विरोध के कारण हटाना पड़ा। फिलहाल आगरा में तमाम प्राइवेट संस्थान, स्कूल, बैंक और होटल संचालकों ने बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों को हायर किया है।