यूपी के उन्नाव के चर्चित रेपकांड के आरोपी कुलदीप सेंगर की जमानत शर्तों में दिल्ली हाईकार्ट द्वारा बदलाव किया गया है। दिल्ली हाईकार्ट की शर्तों के अनुसार वह अंतरिम जमानत पर दो बार जेल से बाहर आएंगे। दरअसल पहली बार सेंगर पहले 27 से 30 जनवरी तक बाहर रहेंगे। फिर 6 फरवरी से 10 फरवरी तक बाहर रहेंगे। इसके बाद सेंगर 30 जनवरी को सरेंडर करेंगे। फिर 6 फरवरी को अंतरिम जमानत पर रिहा होंगे। वहीं पीड़िता ने सेंगर की अंतरिम जमानत का विरोध किया गया था।
सेंगर के रिहा होने से पहले शुरू हुई गवाहों और सबूतों को मिटाने की साजिश- पीड़िता
बता दें कि कुलदीप सिंह सेंगर के जमानत पर रिहा होने से पहले ही गवाहों और सबूतों को मिटाने की साजिश शुरू हो गई। हैरत की बात तो ये है कि साजिश के इस खेल में कोई और नहीं उन्नाव की जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे सहित अन्य अधिकारियों को शामिल बताया जा रहा है। जिनका खुलासा पीड़िता ने आज वीडियो वायरल करके किया है। हाईकोर्ट से सेंगर को अग्रिम जमानत की मंजूरी मिलते ही पीड़िता ने अपने आपको और अपने गवाहों को खतरा में बताते हुए एक वीडियो वायरल कर सर्वोच्च अदालत से अंतरिम जमानत न देने की गुहार लगाई थी।
ये कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक सोची समझी साजिश- पीड़िता
बता दें कि पीड़िता ने एक वीडियो वायरल करते हुए खुलासा किया है कि सीबीआई के अहम गवाह पत्रकार वीरेंद्र कुमार पर सेंगर के गृह जनपद फतेहपुर से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों ने फर्जी मुकदमा दर्ज कर उनको डराने के साथ-साथ बुलडोजर से मकान गिरवाने की धमकी दी है। पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया है कि एक साथ कुलदीप सेंगर के गृह जनपद फतेहपुर से इतने अधिकारियों का उन्नाव में तैनात होना और फिर उनके द्वारा सीबीआई के गवाह को धमकाकर तोड़ने की कोशिश करना ये कोई इत्तेफाक नहीं है बल्कि एक सोची समझी साजिश है।