पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। बता दें पाकिस्तान के मीडिया के हवाले से यह खबर सामने आई है। मुशर्रफ लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दुबई के अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा था। उन्होंने 79 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ अमाइलॉइडोसिस बीमारी से जूझ रहे थे।
लंबे वक्त से बीमार थे परवेज मुशर्रफ
वहीं एमाइलॉयडोसिस की शिकायत के बाद मुशर्रफ को पिछले साल 10 जून को संयुक्त अरह अमीरात के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जो धीरे- धीरे मल्टी ऑर्गन फेल्योर में बदल गया। उन्हें पिछले साल जून में वेंटिलेटर पर रखा गया था. लंबे समय की बीमारी के बाद आज उनका निधन हो गया।
दिल्ली में जन्मी परवेज मुशर्रफ
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त 1943 को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुआ था। 1947 में भारत विबाजन के कुछ दिन पहले ही उनका पूरा परिवार पाकिस्तान का फैसला किया था। उनके पिता पाकिस्तान सरकार में काम करते थे। वहीं 1998 में परवेज मशर्रफ जनरल बने। उन्होंने भारते के खिलाफ कारगिल जैसे युद्ध की साजिश रची, लेकिन भारत के बहादुर सैनिकों ने उनकी हर चाल पर पानी फेर दिया। अपनी जीवनी इन दलाइन ऑफ फायर- अ मेमॉयर’ में जनरल मुशर्रफ ने लिखा कि उन्होंने कारगिल पर कब्जा करने की कसम खाई थी। लेकिन नवाज शरीफ की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाया ।
मुशर्रफ पर लगा था राजद्रोह का आरोप
वहीं 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन करने वाले 78 वर्षीय जनरल मुशर्रफ पर उच्च राजद्रोह का आरोप लगाया गया था और 2019 में संविधान को निलंबित करने के लिए मौत की सजा दी गई थी। वहीं बाद में उनकी मौत की सजा को निलंबित कर दिया गया था। 2020 में लाहौर उच्च न्यायालय ने मुशर्रफ के खिलाफ नवाज शरीफ सरकार द्वारा की गई सभी कार्रवाइयों को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, जिसमें उच्च राजद्रोह के आरोप पर शिकायत दर्ज करना और एक विशेष अदालत के गठन के साथ-साथ इसकी कार्यवाही भी शामिल थी। नवाज शरीफ ने बनाया था सेनाध्यक्ष, उन्हें ही सत्ता से कर दिया बेदखल1998 में रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख बनाया था। लेकिन एक साल बाद ही 1999 में जनरल मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर दिया और पाकिस्तान के तानाशाह बन गए। उनके सत्ता संभालते ही नवाज शरीफ को परिवार समेत पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था।