हाथरस में नगर पालिका के तत्कालीन चेयरमैन आशीष शर्मा के खिलाफ जांच और तेज हो गई है। बता दें कि अलीगढ़ के कमिश्नर ने तीन बिन्दुओं पर हुई जांच में तत्कालीन चेयरमैन को दोष सिद्ध पाया है। उसी आधार पर शासन ने सात दिन के अंदर आशीष से लिखित में एक बार फिर से जबाव मांगा है। शहर की साकेत कॉलोनी निवासी प्रंशात कौशिक उर्फ जिम्मी ने आशीष शर्मा के खिलाफ शासन में शिकायतें की। उन्होंने आरोप लगाये गये कि पानी की सप्लाई,सफाईकर्मचारी और तालाब चौराहा सोदर्यीकरण में वित्तीय अनियमितता हुयी है।

वहीं इसे लेकर शासन ने जांच कराई तो जिला प्रशासन ने एक बिन्दु पर वित्तीय अनियमितता मानते हुए शासन को रिपोर्ट भेज दी,लेकिन प्रंशात कौशिक ने प्रमुख सचिव नगर विकास से शिकायत की कि प्रशासन ने जांच रिपोर्ट गलत भेजी है। इसलिए शासन ने साक्ष्य एवं दिये गये प्रत्यावेदन का परीक्षण कराया तो तीनों बिन्दुओं पर अनियमिता साबित हो गयी। इसे लेकर आशीष शर्मा से जबाव मांगा गया है। आशीष ने प्रमुख सचिव नगर विकास को 17 अक्टूबर 2022 को अपना लिखित जबाव दाखिल कर दिया। जिस पर प्रमुख सचिव नगर विकास द्वारा आयुक्त अलीगढ़ मंडल अलीगढ़ से इस निर्देश के साथ जबाव और साक्ष्य एवं जांच रिपोर्ट का परीक्षण कराने के निर्देश दिये। जिस पर आयुक्त ने एडीएम प्रशासन अलीगढ़ की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर प्रतिपरीक्षण कराया और अपनी आख्या प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग को 26 जनवरी 2023 में भेज दी,जिसमें कमिश्नर ने आरोप सिद्ध होना पाया है। इसे लेकर विशेष सचिव नगर विकास सुनील कुमार चौधरी ने तत्कालीन चेयरमैन आशीष शर्मा से सात दिन के अंदर लिखित रुप से जबाव मांगा है। सचिव ने स्पष्ट लिखा है कि अगर जबाव तय समय में नहीं मिला तो नगर पालिका अधिनियम 1916 की सुंसगंत धाराओं के अंतर्गत अंतिम निर्णय ले लिया जायेगा।
जानें क्या है पूरा मामला
शासन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि तालाब चौराहा सोदर्यीकरण में वर्णित तथ्यों से प्रथम दृष्टया यह पुष्ट होता है कि मूल डीपीआर की धनराशि के सापेक्ष तीन गुना धनराशि व्यय होने के उपरांत भी तालाब चौराहे के र्सोन्दर्यीकरण का काम पूर्ण नहीं हो सका है। जबकि 18 माह के सापेक्ष लगभग चार साल से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। इस प्रकार उक्त कृत्य वित्तीय अनियमितता के अंतर्गत आता है।
वर्णित तथ्यों से प्रथम दृष्टया यह पुष्ट होता है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आपूर्ति के लिये श्रमिकों की आपूर्ति विषयक मैं जिया इन्टरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड हाथरस का अनुबन्ध दिनाक 31 मार्च 2019 को समाप्त होने के पश्चात भी नियमानुसार सीएलसी शहरी आजीविका केन्द्र से न कराकर ई टेण्डरिंग के माध्यम से कराया गया जोकि शासन के विपरीत है। उक्त कृत्य वित्तीय नियमों एवं समय समय पर निर्गत शासनादेशों के विपरीत है। इस प्रकार उक्त कृत्य प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताएं परलक्षित होती है। इसके साथ ही ठंडा पानी में अनियमितता पायी गयी है।

मैंने पूरे ईमानदारी और निष्ठा के साथ विकास किया-आशीष
बता दें कि वहीं आशीष ने कहा कि मैंने पूरे शहर का ईमानदारी और निष्ठा के साथ विकास किया है। अभी कोई आरोप सिद्ध नहीं हुये है। जांच प्रक्रिया चल रही है। कुछ लोग मेरी लोकप्रियता से बौखलाकर मेरी फर्जी शिकायतें करते फिर रहे है। मैं तैयार हूं किसी भी जांच एजेन्सी से जांच करा ली जाये। शहर में भूमाफिया और आरटीआई मांगने वालों को नहीं पनपे दूंगा।