कहते है महाशिवरात्रि पर पूरे मन से शिव की आराधना करने से मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। महाशिवरात्रि का त्योहार शनिवार को हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। वहीं आपको बता दें कि झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई के ऐतिहासिक दुर्ग में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। जो आज भी श्रद्धालुओं की आस्था का विशेष केंद्र है।
महाशिवरात्रि पर पर्व हजारों भक्त अपने आराध्य महादेव के दर्शन के लिए परिवार सहित उमड़ते हैं। इस दौरान विशाल मेला भी लगता है। बीते साल की तरह इस बार भी त्योहार पर प्रवेश सैलानियों व भक्तों के लिए निशुल्क रहेगा।दुर्ग के शंकर गढ़ क्षेत्र में मान्यता है, कि शिव मंदिर का निर्माण 17 वीं सदी में झांसी के पहले मराठा सूबेदार नारो शंकर ने कराया था। गर्भगृह में शिवलिंग, मां पार्वती, गणेश जी आदि देवता विराजमान हैं।
वहीं मंदिर के मुख्य गुंबद के चारों कोनों पर एक – एक लघु मंदिर भी है। जो काफी आकर्षक नजर आता है। मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। इनमें प्रमुख है, तत्कालीन मराठा राजाओं व रानी लक्ष्मीबाई का मंदिर। जिस पर लोगों कि विशेष आस्था होती है। महारानी नियमित भगवान शिव की पूजा मंदिर में करती थीं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण सहायक अभिषेक ने बताया कि शिव रात्रि पर किला में प्रवेश निशुल्क रहेगा।