राजस्थान की गर्मी इस बार सभी पूराने रिकॉर्ड सकती है। इस बार फरवरी में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस अधिक चल रहा है। जबकि कई शहरों में तो 12 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस साल जून तक भीषण गर्मी पड़ेगी। चिंता की बात ये है कि इस साल तापमान कंट्रोल करने वाली छिटपुट बारिश भी न के बराबर होने की आशंका है।
समुद्री तल पर तापमान सामान्य से 0.4 डिग्री कम
वहीं मौसम विशेषज्ञ के अनुसार पश्चिमी प्रशांत महासागर में इस साल ला नीनो से अल नीनो की कंडिशन बन रही है और आईओडी यानी इंडियन ओशन डाइपोल में वर्तमान कंडिशन न्यूट्रल है। इससे न केवल गर्मी तेज हगी, बल्कि मानसून भी कमजोर रहेगा।
इसके पीछे का कारण समुद्री लेवल पर तापमान में परिवर्तन है। अभी समुद्री तल पर तापमान सामान्य से 0.4 डिग्री कम है। लेकिन अगले माहिने मार्च-अप्रैल में बढ़कर इसके प्लस में आने की परिस्थितियां बन रही है। वहीं विंड पैटर्न भी तेजी से बदल है।
इन राज्यों में तेज गर्मी और लू की स्थिति बनी रहती है
जिसके चलते फरवरी में ही विंड पेर्टन नॉर्थ से साउथ के जगह नॉर्थ-वेस्ट से साउथ-ईस्ट हो गया है। इससे राजस्थान सहित मध्य भारत और दक्षिण भारत के राज्यों में भी फरवरी में ही तापमान 36 डिग्री या उससे ऊपर चला गया है। वहीं इस बार भारत में विंटर सीजन में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की फ्रिक्वेंसी कम रही है। कम फ्रिक्वेंसी के कारण उत्तर भारत में सर्दी के सीजन की बारिश-बर्फबारी कम हुई। जिससे दिसंबर तक सर्दी भी सामान्य से कम रही।
राजस्थान में पश्चिमी हवा से मार्च से जून तक गर्मी तेज होती है। इन हवा का प्रभाव हरियाणा, एमपी, पंजाब, यूपी, और गुजरात में रहता है। इस वजह से इन राज्यों में तेज गर्मी और लू की स्थिति बनी रहती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस गर्मियों की शुरुआत से जून तक तापमान को कंट्रोल करने में अहम रोल निभाते हैं।
लंबे समय तक झेलनी पड़ सकती है गर्मी
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस से राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हिस्सों में बारिश, आंधी और ओले गिरते हैं। जिससे तापमान कंट्रोल में रहता है। लेकिन इस बार मौजूदा फरवरी में आए वेर्स्टन डिर्स्टबेंस की फ्रीक्वेंसी और उनकी तीव्रता को देखकर आशंका जताई जा रही है कि मार्च से मई तक राजस्थान सहित मध्य भारत में बहुत कम बारिश होगी। जिससे आगामी सीजन में गर्मी लंबे समय तक झेलनी पड़ सकती है।
इस बार गर्मी तोड़ सकती है 2019 का रिकॉर्ड
राजस्थान में गर्मी के सीजन में बीकानेर, चूरू, गंगानगर, बाड़मेर और जैसलमेर में गर्मी जबरदस्त रहती है। यहां मई-जून में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रहता है। जबकि चूरू, गंगानगर, धौलपुर में तो पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
अब तक का चूरू में सबसे ज्यादा तापमान 50.8 डिग्री सेल्सियस साल 2019 में दर्ज हुआ था। वर्तमान में जो परिस्थिति बनी हुई है उन्हें देखकर आशंका जताई जा सकती है कि इस सीजन में गर्मी नया रिकॉर्ड बना सकती है। इस साल फरवरी में उदयपुर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर और अजमेर में गर्मी पिछले साल की तुलना में ज्यादा रही है।
पिछले साल सबसे ज्यादा गर्म दिन फरवरी में बाड़मेर में रहा था। जहां अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। लेकिन इस बार बाड़मेर में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। जो पिछले 12 साल में दूसरी बार इतना तापमान रहा है।