वित्तमंत्री ने अपने बजट के दौरान कहा कि बालिकाओं के लिए चलाई जा रही तमामा योजनाओं और उनसे मिलने वाले लाभ को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के प्रति आमजन की सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए संचालित “मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना” के तहत प्रति लाभार्थी को रु० 15,000 तक की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए 1050 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आत्मनिर्भर बनेगी राज्य की हर नारी
वहीं सभी वर्गों की बेटियों की शादी के लिए संचालित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 600 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान योजना के तहत 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
उन्होंने आगे बताया कि ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए महिला सामर्थ्य योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गठन किया जाता है। इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 83 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। इसके लिए साल 2023 2024 के बजट में 4032 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित हैं।
कानून और शांति व्यवस्था स्थापित करने में होगी महिलाओं की भागीदारी
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में नियमित टीकाकरण के तहत अक्टूबर, 2022 तक 95 फिसदी बच्चों को टीका लगाया गया। मिशन इन्द्र धनुष के तहत 36 लाख 82 हजार से अधिक बच्चों और 10 लाख 31 हजार से अधिक गर्भवती माताओं का टीकाकरण हुआ है।
अंत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून और शांति व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनश्चित करने के लिए 3 महिला पीएसी बटालियन का गठन किया जा रहा है।