भारत और चीन के रिश्ते में अक्सर उतार चढ़ाव का दौर देखने को मिलता रहता है। वैसे भी सीमा विवाद के चलते लंबे समय से संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन के लोगो को भारत और अमेरिका की दोस्ती खटक रही है। उनका मानना है कि भारत और चीन साथ मिलकर काम कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ चीन को तरफ से जब भी एलएसी पर दुस्साहस किया जाता है तो भारतीय फौज की तरफ से करारा जवाब मिलता है। इन सब के बीच पीएम नरेंद्र मोदी चीनी लोगों के दिल पर राज करते है। चीनी सोशल मीडिया पर लोग उन्हें लाओक्सियन उपनाम से बुलाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि इस शब्द का अर्थ क्या है
जानिए लाओक्सियन का अर्थ क्या है?
लाओक्सियन का अर्थ है अजीब क्षमताओं के साथ परिपूर्ण शख्स जो अमर है। चीनी नेटिजेंस सोचते हैं कि मोदी अन्य नेताओं की तुलना में अलग और आश्चर्यजनक हैं। वे उनके पहनावे और शारीरिक रूप रंग दोनों की ओर इशारा करता है जिसे लाओक्सियन जैसी और उनकी कुछ नीतियों के रूप में देखा जाता है,जो भारत की पिछली नीतियों से अलग हैं। विशेष रूप से मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया का प्रमुख देशों के बीच संतुलन बनाए रख सकता हैं। चाहे वह रूस हो, संयुक्त राज अमेरिका, भारत उन सभी के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को फायदा उठा सकता है।
लाओक्सियन शब्द मोदी के प्रति चीनी लोगों की जटिल भावना को दर्शाता
चीनी नेटजिंस के लिए मोदी के बारे में यह धारणा बेहद खास है। इसलिए लाओक्सियन शब्द मोदी के प्रति चीनी लोगों की जटिल भावना को दर्शाता है, जिसमें जिज्ञासा, विस्मय और शायद सनक का मेल हैं। वहीं द डिप्लोमैट के पत्रकार का कहना है कि वो लगभग 20 वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट कर रहा है, चीनी नेटिजेंस के लिए किसी विदेशी नेता को उपनाम देना दुर्लभ है। वही मोदी का उपनाम अन्य सभी से ऊपर है। स्पष्ट रूप से उन्होंने चीनी जनता की राय पर प्रभाव डाला है। उनका एक निष्कर्ष यह है कि कुल मिलाकर चीनियों के मन में भारत के प्रति कोई दुर्भावना नही हैं। सिर्फ एक स्पष्ट अपवाद सीमा विवाद है।
एक बार जब सीमा विवाद का जिक्र आता है, तो अधिकांश चीनी नागरिक बहुत नाराज़ हो जाते है। धारणा यह है की भारत ने पश्चिम के समर्थन से चीन को घेर लिया है और उसी उद्देश्य से क्वाड में शामिल हो गया है। चीन और भारत सीमा विवादों के कारण द्विपक्षीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे, बल्कि सीमा स्थिरता और शांति बनाए रखने के संदर्भ में अन्य पहलुओं में मैत्रीपूर्ण सहयोग विकसित करेंगे। साथ ही यदि चीनी और भारतीय मीडिया भारत की अधिक खुली और आधुनिक छवि दिखा सकते हैं तो यह सामान्य चीनी को भारत के बारे में बेहतर राय बनाने में मदद करेगा। यह निश्चित रूप से चीन-भारत संबंधों के लिए सार्थक होगा।