चेन्नई में बुधवार 22 मार्च को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का तीसरा, आखरी और निर्णायक मुकाबला खेला गया। इस मैच में रोहित के छक्के, विराट की फिफ्टी, कुलदीप का जादू और पांड्या की रफ्तार सब कुछ था लेकिन रोमांच और उतार-चढ़ाव से भरे इस मैच को आखिरकार ऑस्ट्रेलिया ने 21 रनों से जीत लिया। इस रिपोर्ट में हम मैच के हाइलाइट तो आपको बताएंगे ही साथ ही उन खिलाड़ियों के बारे में भी बात करेंगे जो भारत की इस हार की बड़ी वजह बने।
सबसे पहले मैच की बात कर लेते हैं टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया जो काफी हद तक सही भी साबित हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया 49 ओवरों में 269 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। हार्दिक पांड्या और कुलदीप यादव ने 3-3 विकेट लिए और अक्षर पटेल और मोहम्मद सिराज ने 2-2 विकेट लिए।
270 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को एक अच्छी और सधी हुई शुरूआत मिली थी कप्तान रोहित शर्मा ने युवा शुभमन गिल के साथ मिलकर 65 रनों की ओपनिंग साझेदारी की, जिसके बाद दसवें ओवर में सीन एबॉट ने कप्तान रोहित शर्मा का विकेट लेकर भारत को पहला झटका दिया। रोहित ने कुल 30 रन बनाए थे। इसके बाद विराट कोहली मैदान पर आए जो काफी अच्छी लय में दिखाई दे रहे थे लेकिन फिर 12 रन बाद ही दूसरे छोर से शुभमन गिल के रुप में भारत को दूसरा झटका लगा। गिल 37 रन बनाकर एडम जैम्पा का शिकार हुए। अब मैदान पर आए पहले वनडे के विजेता केएल राहुल जिन्होने विराट कोहली के साथ मिलकर अर्धशतकीय साझेदारी बनाई लेकिन ये साझेदारी भी लम्बी नहीं चली और 28वे ओवर में 146 के कुल स्कोर पर केएल राहुल जैंपा का शिकार बन गए। अब बल्लेबाजी करने अक्षर पटेल आए लेकिन 1 ओवर बाद ही वे बहुत ही दुर्भाग्यशाली रूप से रनआउट हो गए। भारत की उम्मीदें कायम थीं लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने भारत इस मैच में भारत को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया। अक्षर के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए विश्व के नंबर 1 टी20 बल्लेबाज और ODI में अपनी खराब फॉर्म से जूंझ रहे सूर्यकुमार यादव, पहले दोनों मैचों में सूर्या गोल्जन डक हुए थे यानी पहली ही गेंद पर आउट हुए थे लेकिन किसे पता था कि तीसरे वनडे में भी कुछ यही होने वाला था, जी हां इस मैच में भी सूर्या एस्टन एगर की पहली गेंद पर ही क्लीन बोल्ड हो गए। बता दें सूर्या से ठीक एक गेंद पहले ही विराट कोहली 54 रनबनाकर आउट हुए थे, मतलब भारत के 2 बड़े विकेट सिर्फ 2 गेंदों में गिर गए थे।
विकेट गिरने का ये सिलसिला जारी रहा, हार्दिक पांड्या जो काफी अच्छा खेल रहे थे वो भी एक खराब शॉर्ट खेलकर कैच थमा बैठे, अब भारत की सारी उम्मीद रविंद्र जड़ेजा पर टिकी थी जो खुद अच्छे फॉर्म में नजर नहीं आ रहे थे, कुछ ही देर बाद 225 के कुल स्कोर पर रविंद्र जड़ेजा भी आउट हो गए और भारत को आठवां झटका लगा। इसके बाद ये मैच भारत के हाथों से निकल चुका था और जैसे तैसे करके भारत ने 49.1 ओवर खेले और 248 रनों पर ही टीम ऑलआउट हो गई।
ऑस्ट्रेलिया ने 21 रनों से इस निर्णायक मकाबले को जीतकर सीरीज अपने नाम की।
भारत की हार के जिम्मेदार –
1. सूर्यकुमार यादव –
सीरीज की शुरूआत से ही सूर्या का बल्ला नहीं चल पा रहा था। पहले और दूसरे मैच में 0 पर गोल्डन डक होने के बावजूद भी तीसरे वनडे में भी टीम ने सूर्या पर भरोसा किया लेकिन सूर्यकुमार यादव ने टीम को फिर से निराश किया, इस मैच में भारत की ओर से अगर एक और बल्लेबाज 30 रनों की पारी खेल जाता तो मैच बन जाता और अगर ये पारी सूर्या खेल जाते तो उनको इस हार की वजह ना बताना पड़ता लेकिन सच्चाई यही है कि सूर्या के खराब खेल की वजह से भारत का एक बल्लेबाज कम हुआ जिसकी कमी से भारत ये मैच हार गया।
2.रविंद्र जड़ेजा –
सर रविंद्र जड़ेजा ने पहले वनडे में तो मैच जिताऊ पारी खेली थी और 2 विकेट भी लिए थे लेकिन तीसरे वनडे में जड़ेजा का ना तो बल्ला चल पाया और ना गेंद ने विकेट लिए जिसकी वजह से उनका प्रदर्शन भी गिनो-ना-गिनो बराबर ही है।