UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. राज्य के 760 नगरीय निकायों में कुल 14684 पदों के लिए दो चरणों में वोट डाले जाएंगे. निकाय चुनाव के लिए मतदान 4 मई और 11 मई को होगा जबकि मतगणना 13 मई को होगी. उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने रविवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है.
जानिये किस जगह कौन सी सीट आरक्षित
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने से पहले रविवार को नगर निगमों के महापौर, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के अध्यक्षों के लिए अंतिम आरक्षण सूची जारी की. जिसमें आगरा के महापौर सीट अनुसूचित जाति (एससी) (महिला), झांसी की सीट अनुसूचित जाति(एससी), शाहजहांपुर और फिरोजाबाद की सीट ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) (महिला), सहारनपुर और मेरठ की सीट ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है.
दो चरणों में होंगे यूपी निकाय चुनाव
इसके अलावा वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की आठ महापौर सीटें अनारक्षित की जाएगी. प्रदेश में 17 नगर निगमों, 199 नगर परिषदों और 544 नगर पंचायतों सहित 760 नगर निकायों के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. आपको बता दें की इस बार निकाय चुनाव में 4.32 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. जबकी दोनों ही चरणों में 13 मई को काउंटिंग होगी.
साल 2017 में मेयर की ये सीटें थीं आरक्षित
साल 2017 के नगर निकाय चुनावों में 16 सीटों पर मतदान हुआ था. इनमें मथुरा और मेरठ की सीटें एससी के लिए आरक्षित थीं. जबकि मेरठ की सीट एससी महिला के लिए आरक्षित थी. फिरोजाबाद, वाराणसी, सहारनपुर और गोरखपुर की मेयर सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थीं. सहारनपुर, फिरोजाबाद, मथुरा और फैजाबाद में मेयर की सीटों के लिए पहली बार चुनाव हुआ था. इससे पहले 2012 में 12 सीटों पर मतदान हुआ था. जबकी आगरा, इलाहाबाद, बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी व फैजाबाद में मेयर की सीटें अनारक्षित रखी गई थीं
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव को लेकर दिया था आदेश
जानकारी के अनुसार 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का रास्ता साफ कर दिया और राज्य चुनाव आयोग को ओबीसी कोटे के साथ दो दिनों के भीतर इस संबंध में एक अधिसूचना जारी करने की अनुमति दी. दरअसल राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के 27 दिसंबर 2022 के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था. जिसके बाद शहरी निकाय चुनावों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिलाओं के अलावा ओबीसी के लिए सीट आरक्षण प्रदान किया गया था. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यूपी सरकार ने शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को आरक्षण प्रदान करने के संबंध में सभी मुद्दों को देखने के लिए पांच सदस्यीय आयोग नियुक्त किया था.
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