प्रधानमंत्री नरेंद्र नोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि वहीं अब तक 21 विपक्षी दलों ने इस उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसी पार्टीयों ने समारोह का बहिष्कार करेन का फैसला लिया है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी ने भी अपना रुख साफ कर दिया है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि जिसने बनाया है उसे हक है उद्घाटन करने का।

बता दें कि वहीं विपक्षी दलों की मांग है कि भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए, ना कि प्रधानमंत्री को। मायावती ने ट्वीट किया, कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देस व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है। उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी ममहिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।

संसद भवना समारोह में मायावती नहीं होंगी शामिल

वहीं मायावती ने आगे लिखा है कि, देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का नियंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं। किंतु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहींं हो पाऊंगी। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रविवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में करीब 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की संभावना है, वहीं करीब 21 दलों ने समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है।

उद्घाटन को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यरोप तेज

उद्घाटन को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यरोप तेज हो गए हैं। एक तरफ विपक्ष दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि इन दलों ने उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला केवल इसलिए किया है, क्योंकि इसका निर्माण प्रधानमं6ी मोदी की पहल पर किया गया है। भाजपा ने विपक्षी दलों से यह अपील भी की, कि बड़ा दिल खोलकर संसद के उद्घाटन के ऐतिहासिक दिवस का हिस्सा बनें।