Odisha Train Accident; ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे पर सियासत गर्माई हुई है। आपको बता दें की इस हादसे में पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया गया था। जिसके पालन स्वरुप पश्चिमी बंगाल के क मंत्री ने 2 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर बांटे अब इसे लेकर के राजनिति तेज होती नजर आ रही है।
आपको बता दें की मंत्री ने परिजनों को मुआवजे के स्वरूप में 2 लाख रुपये की राशी बांटी लेकिन इस राशी को 2 हजार रुपये के नोट के साथ बांटा गया है। इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर भाजपा ने टीएमसी के मंत्री पर वार करना शुरु कर दिया है। इस पर कई सवाल उठाए जा रहे है।
सवालों के घेरों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। दरअसल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मंगलवार को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कथित तौर पर बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के एक परिवार को 2,000 रुपये के नोटों के बंडल के साथ दिखाया गया है। इस ट्वीट में इस बात की जानकारी साझा की गई की ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना में परिवार के एक सदस्य को खोने के बाद उन्हें मुआवजे के रूप में पैसा मिला था।
वहीं इस ट्वीट में सवालों के घेरे में तृणमूल पार्टी मंत्री आ गए है। बता दें भाजपा ने वार करते हुए कहा है कि को 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। मैं इस फैसले की सराहना करता हूं, लेकिन इस सिलसिले में मैं यह सवाल भी उठा रहा हूं कि 2000 रुपये के नोटों के बंडल का सोर्स क्या है? मजूमदार ने यह भी पूछा कि क्या बैंकों में 2000 के नोट बदलने की प्रक्रिया को देखते हुए पीड़ितों के परिवारों को 2,000 रुपये के नोट देना अच्छा निर्णय है? अपनी बात में पीड़ित परिवारों को 2000 रुपये के नोट देकर उनकी मुश्किलें नहीं बढ़ा दी गई हैं? दूसरा, क्या यह टीएमसी के लिए अपने काले धन को सफेद करने का तरीका नहीं है?
आपको बता दें की इसपर तृणमुल कांग्रेस ने जबाव देते हुए साफ किया है कि 2,000 रुपये के नोट अवैध नहीं है। अभी 2000 के नोट मान्य है। इसी के साथ भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की बातों को आधारहीन भी बताया है। साथ ही कुणाल घोष ने पूछा कि क्या 2000 रुपये का नोट अमान्य है? आज अगर कोई किसी को 2000 का नोट देता है तो क्या ये अवैध या काला धन है?