चीन ने वुहान के उस ज़िले में एक बार फिर लॉकडउन लागू किया है जहां कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दुनिया का सबसे पहला लॉकडाउन लागू किया गया था। साल 2020 में वुहान के जियांगजिया में लॉकडाउन लागू किया गया था, जहां एक बार फिर से दस लाख लोगों को घरों में बंद रहने के आदेश जारी किए गए हैं और बिना इमरजेंसी घर से बाहर निकलने के लिए सख़्ती से मना किया गया है। इससे एक बार फिर से यह चिंता बढ़ गई है कि क्या दुनिया में कोरोना एक बार फिर अपने पांव पसार सकता है। दरअसल, मंगलवार को शहर में चार बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज़ों की पुष्टि के बाद सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट पर भी रोक लगा दी गई है, सिनेमा हॉल में एक बार फिर ताले लगा दिए गए हैं।
अन्य शहरों मे भी लॉकडाउन का खत़रा
यह प्रतिबंध अभी सिर्फ एक ही जिले तक सीमित है, अगर हालात बिगड़े तो अन्य जिलों पर भी लॉकडाउन लगने की आशंका जताई जा रही है। लॉकडाउन लगने से लोगों मे चिंताएं बढ़ती नज़र आने लगी है। संक्रमण के ख़तरे के बीच अधिकारियों ने टेस्टिंग की प्रक्रिया बढ़ा दी है और सख़्त नियम लागू करने पर मज़बूर हो गए हैं। चीन लगातार कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए अपनी जीरो टॉलरेंस नीति अपना रहा है और लॉकडाउन उसी नीति का एक हिस्सा है।
शेनज़ेन पर है बड़ी नज़र
देश में मंगलवार को 604 मामलों की पुष्टि हुई थी जो उससे एक दिन पहले सोमवार को 868 मामलों की तुलना में कम है. अधिकारियों की नज़र शेनज़ेन पर भी है जहां चार मामले दर्ज किए गए और यहां कुल मामलों की संख्या 150 के पार पहुंच गई है। संक्रमण के ख़तरे के बीच शहर में कई नए नियम लागू किए गए हैं जिससे कंपनियों को हफ्ते में सातों दिन ताले लगाने पड़ रहे हैं – इससे एक बार फिर वैश्विक सप्लाई चेन बाधित होने की चिंताएं बढ़ी है।
शहरी सरकार ने 100 बड़ी कंपनियों जिनमें iPhone मेकर Foxconn और ऑयल प्रोड्यूसर Cnooc Ltd को निर्देश दिया है कि वे उन्हीं कर्मचारियों के साथ संचालन करें जो क्लोज़्ड लूप के हैं, और कर्मचारियों को प्लांट के बाहर और भीतर एक दूसरे के साथ कम संपर्क में रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि शेनज़ेन के अधिकरायों का दावा है कि शहर में हालात क़ाबू में है।