बांदा। बांदा जिले में हुई नाव दुर्घटना में अब तक 11 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। इनके अलावा चार और व्यक्तियों की खोजबीन की जा रही है जिससे लापता लोगों की संख्या 15 हो जाएगी। इसमें 2 मृतकों के नाम दो बार हो जाने से लापता लोगों की संख्या 17 बताई जा रही थी। कुछ ऐसे लोग भी हैं जो प्रशासन के संज्ञान में अभी तक नहीं आए हैं जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है।
ये जानकारी शनिवार को जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने पत्रकारों को यमुना नदी में नाव पलटने की घटना में अब तक निकलकर आई छानबीन के बाद बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि मृतकों में एक महिला का नाम दो बार दर्ज हो गया था, लेकिन दोनों में पति का नाम अलग-अलग था जबकि वह एक ही महिला है। इसी तरह एक बच्चे महेंद्र का नाम महेश भी दर्ज कराया गया था जबकि एक ही बच्चा महेंद्र की मौत हुई है। इस तरह लापता लोगों में दो लोगों की संख्या कम हो गई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि इसी तरह एक और व्यक्ति है जो पानी में तैर कर अपने बच्चे सहित बाहर निकल आया था और बांदा के प्राइवेट अस्पताल में बच्चे का इलाज करा रहा है। इसकी जानकारी उसके द्वारा प्रशासन को नहीं दी गई थी। लापता लोगों को सही ढंग से पता लगाने के लिए लेखपालों को लगाया गया है ताकि लापता लोगों की सही संख्या जानकारी हो सके और उसे बताया जा सके।

प्रशासन को मिली जानकारी के मुताबिक, नाव में 32 लोग सवार थे। इनमें 15 लोगों को बचाए जाने की सूचना थी। एक पिता-पुत्र जिनका इलाज चल रहा है, इनकी संख्या बढ़ जाने से जीवित बचने वालों की संख्या 17 हो गई है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संख्या घट-बढ़ रही है उससे मृतकों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है।
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि यमुना नदी के बहाव के कारण शव किशनपुर फतेहपुर दादौं घाट की ओर बह गए हैं जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ और एसटीआरएफ की टीमें वहां पर सर्च अभियान चला रही हैं।
इस बीच प्रदेश के मंत्री डॉक्टर संजय निषाद भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक जिन तीन व्यक्तियों का पोस्टमार्टम हो चुका है। उनके परिजनों के खातों में सहायता राशि भेज दी गई है। आज जो भी शव बरामद हुए हैं उनके परिजनों को भी सत्यापन के बाद खाते में पैसा भेज दिया जाएगा। उन्होंने मृतकों व लापता व्यक्तियों की विस्तार से ये जानकारी दी।
इन शवों का हो चुका है पोस्टमार्टम
फुलवा पत्नी रामप्रसाद उर्फ मुन्ना निषाद निवासी सांवला का डेरा मंजरा जरौली थाना असोथर तहसील फतेहपुर जिला फतेहपुर, राजरानी पत्नी राजेन्द्र सिंह उम्र 46 वर्ष निवासी रामनगरदुपौहन थाना असोथर जिला फतेहपुर, किशन पुत्र दिनेश उम्र करीब 07 माह निवासी खापर का डेरा मजरा मरका थाना मरका जिला बांदा हैं।
इन लोगों की बच गई जान
कु0 संगीता पुत्री दिनेश, महेन्द्र पुत्र दिनेश, महेश पुत्र दिनेश, पिन्टू पुत्र कुबरु हैं। यह सभी मरका थाना जनपद बांदा के निवासी है। जबकि करन पुत्र चिक्कू निवासी रामनगर थाना असोथर फतेहपुर का रहने वाला है।
इनके शव हुए बरामद
विजय कुमार उर्फ जयचन्द्र पुत्र प्रेमचन्द्र निवासी मैकुआ थाना असोथर फतेहपुर, माया पत्नी दिनेश निवासी मरका थाना मरका जनपद बांदा, मुन्ना उर्फ रामप्रसाद पुत्र रामसरन निवासी सांवला का डेरा थाना असोथर फतेहपुर जनपद बांदा, प्रीति पत्नी विकास निवासी मटेहना थाना मरका जनपद बांदा, राजू पुत्र मुण्डा निवासी लक्ष्मणपुर थाना अशोथर जनपद फतेहपुर, गीता पत्नी बृजकिशोर निवासी मुड़वारा थाना मरका जनपद बांदा, झुल्लू पुत्र लाला नि. सरकण्डी थाना असोथर जिला फतेहपुर हैं। वहीं एक शव की पहचान अभी नहीं हो हुई है।
इनके नहीं मिले शव, तलाश जारी
अभी तक यमुना में नाव पलटने के बाद उजरिया पत्नी अनोखे लाल, राजकरन पुत्र बैजनाथ निवासी मरका थाना जनपद बांदा हैं। वहीं सीमा पत्नी रामसजीवन निवासी कुम्हेड़ा थाना मरका, बांदा व बाबू पुत्र गया निवासी निभौर थाना बबेरु जिला बांदा का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है और न ही इनके शव मिले हैं।
इनके नाम दो बार आए सामने
फुलवा जिसका पूर्व में पति रामप्रसाद उर्फ मुन्ना हो चुका है और बाद में फुलवा पत्नी मुन्ना लिखा गया था जिसके कारण दो महिला की स्थिति बन गयी थी।