देश में लगातार साइबर क्राइम का केस बढ़ता जा रहा है। भारत में साल 2021 में साइबर क्राइम के 52,974 मामले दर्ज किए गए है। हाल ही में साइबर क्राइम का एक ताजा मामला गाजियाबाद से आया है।
गाजियाबाद के मोदीनगर में केएन मोदी फाउंडेशन (K.N Modi Foundation) के 9 कॉलेजों का डेटा चुराकर हैकरों ने एक मिलियन डॉलर की मांग कि है। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
दरअसल, साइबर हैकर ने डॉ. केएन मोदी फाउंडेशन के आठ कॉलेजों का डेटा हैक कर लिया है। सिस्टम पर 29 अगस्त को हमला करने के बाद हैकर ने क्रिप्टो करंसी में एक मिलियन डॉलर तकरीबन आठ करोड़ रुपये कि मांग कि हैं। घटना के एक सप्ताह बाद मंगलवार को फाउंडेशन के संदीप यादव एवं अन्य अधिकारियों ने मोदी नगर थानें में मामला दर्ज कराया है। पुलिस साइबर सेल हैकरों का पता लगाने में जुटी है।
वहीं, एसएसपी मुनिराज जी. ने कहा कि केस दर्ज कर हैकर को ट्रेस करने के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा, कि इस मामले में साइबर विशेषज्ञ की मदद ली जाएगी।
वहीं, दूसरी ओर फाउंडेशन की आईटी सेल भी डेटा रिकवर करने में जुटी है। यह फाउंडेशन मोदीनगर में डॉ. केएन मोदी इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी, डॉ. केएनजीडी मोदी इंजीनियरिंग कॉलेज समेत दस से अधिक शैक्षिक संस्थानों का संचालन कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, 29 अगस्त की दोपहर इन कॉलेजों के कंप्यूटर पर हैकर का मैसेज आने के बाद मामला सामने आया। जिसमें लिखा था कि वायरस लॉकबीट ब्लैक से हमला किया गया है। आपका डेटा चोरी करके एनक्रिप्ट किया गया है। मदद के लिए पुलिस या एफबीआई के पास ना जाएं। नहीं तो डेटा डिक्रिप्ट करने में समस्या पैदा होगी।
हैकर्स ने मैसेज में लिखा, इस मामले में बिचौलिये को शामिल ना करें। सीधे लेनदेन करें। खुद को शीर्ष हैकर्स बताते हुए कहा गया है कि तीन सालों में उनके ग्रुप का कोई भी सदस्य पकड़ा नहीं गया है। यह धमकी दी गई है कि अगर पैसों का भुगतान नहीं किया तो वो फिर से हमला करेंगे। दावा किया गया है कि हैकर अपराध करने के बाद एक भी सबूत नहीं छोड़ते हैं।