देश में लगातार साइबर क्राइम का केस बढ़ता जा रहा है। आपने अपने आस-पास कई लोगों को यह कहते सुना होगा कि उनके कार्ड (Credit-Debit Card) से किसी ने पैसे निकाल लिए जबकि एटीएम कार्ड (ATM Card) उनकी जेब में ही था. ऐसा ही एक वाकया गाजियाबाद के विजय नगर निवासी मिथलेश के साथ हुआ। मिथलेश रोज की तरह ऑफिस में काम कर रहे थे तभी उनके पास एक अनजान शख्स बैंक का कर्मचारी बताकर मैसेज करता हैं की कार्ड की लिमीट को बढ़ाने के लिए आपको इस लिंक पर जाना होगा, वहीं उस लिंक के साथ एक नंबर भी दिया हुआ था। मिथलेश ने उस मैसेज को देखते ही लिंक को खोला और वैसे ही मिथलेश के आकाउंट से 40,620 का ट्रांजेक्शन हो गया ।

जब उन्होने इस की जांच की तो पता चला की उनके साथ फ्रॉड किया गया है. मिथलेश ने बिना देर किए साइबर क्राइम पर शिकायत और विजय नगर थाने पर तुरंत FIR की जिसके बाद इस पूरे मामले को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.

अब सवाल उठता है कि आखिर, इस तरह की धोखाधड़ी आखिर होती कैसे हैं. इस पर साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट बताते हैं कि मौजूदा समय में फ्राड करने वाले बैंक खातों से पैसे चुराने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. इसमें एटीएम क्लोनिंग, व्हाट्सऐप कॉल के जरिए फर्जीवाड़ा, कार्ड के डाटा की चोरी, यूपीआई के जरिए चोरी, लॉटरी के नाम पर ठगी, बैंक खातों की जांच के नाम पर ठगी प्रमुख है.
आपको बता दें कि हाल ही में साइबर क्राइम का एक और ताजा मामला गाजियाबाद से आया था। जहां, गाजियाबाद के मोदीनगर में केएन मोदी फाउंडेशन (K.N Modi Foundation) के 9 कॉलेजों का डेटा चुराकर हैकरों ने एक मिलियन डॉलर की मांग की थी। जिसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है।