नई दिल्लीः महाराष्ट्र के सांगली जिले में सोमवार को बच्चा चोर के रूप में समझें जाने वाले जिन चार साधुओं की पिटाई की गई, उनमें से दो मिलक तहसील क्षेत्र के रहने वाले हैं. घटना के बाद दोनों साधु दो दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस की मदद से अपने-अपने घर लौटे. हालांकि घटना की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस शुक्रवार को दोनों साधुओं के घर पहुंची. महाराष्ट्र पुलिस ने पीड़ित दोनों साधुओं का मेडिकल परीक्षण कराया और घटना की जानकारी होने के बाद परिजनों को सौंप कर रवाना चली गई.
दरअसल महाराष्ट्र के सांगली जिले में सोमवार को यूपी के चार साधुओं की पिटाई कर दी गई. कहा जा रहा है कि इन साधुओं ने स्थानीय लोगों से रास्ता पूछा था. इस दौरान लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझकर बेरहमी से पीटा था. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो पता चला कि वह बच्चा चोर नहीं बल्कि मथुरा के पंचदाशनम जूना अखाड़े का साधु थे. जिसके बाद पुलिस ने सभी साधुओं को महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षित छोड़ दिया और दोनों पीड़ित साधु दो दिन पहले अपने-अपने घरों में पहुंच गए हैं.
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच अधिकारी लक्ष्मण पांडुरंग खरात ने बताया कि साधु 30 अगस्त को कार से रामेश्वरम के लिए निकला था. साधुओं की पिटाई के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है और मामला दर्ज किया है. उन्हें बच्चा चोर समझकर पीटा और घायल कर दिया. मारपीट में गंभीर रूप से घायल साधु राजू को सरकारी अस्पताल ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया है. कोतवाल सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने दोनों साधुओं को उनके परिजनों को सौंप दिया है.
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