बॉलीवुड कब तक हमारे पौराणिक चरित्रों के साथ खिलवाड़ करता रहेगा? कभी माँ काली को सिगरेट पीते हुए दिखाना तो कभी भगवान भोलेनाथ को वाशरूम से भागते हुए दिखाना। और अब फिल्म आदिपुरुष में हनुमान जी का मौलाना रूप सामने आना। कई तरह के सवाल उठ रहे हैं आदिपुरुष को लेकर। लेकिन कुछ ज्यादा क्रिएटिव लोग ये कह रहे हैं कि भई क्या दिक्कत हैं मतलब बदलते हुए दौर में सब बदल रहा हैं तो हनुमान जी को भी बदल दिया ,हम लोगो ने हनुमान जी को देखा थोड़ी न था कि वो दिखते कैसे थे? हां माना हमने हनुमान जी को देखा नहीं लेकिन उनका वर्णन जानने के लिए हमे कही जाने की जरूरत नहीं हैं बचपन से हनुमान चालीसा पढ़ी हैं और उस हनुमान चालीसा में स्पष्ट तौर पर हनुमान जी का वर्णन लिखा हुआ हैं जो हम सबको रट्टा हुआ हैं।
याद कीजिये वो चौपाई-
“कंचन बरन बिराज सुवेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा ।।
यानी आपका रंग जो हैं प्रभु वो स्वर्ण के सामान हैं कानो में कुण्डल हैं घुंगराले बालो से आप सुशोभित हैं। सुंदर वस्त्रो में आप हैं।
यही नहीं एक और चौपाई भी हैं
“हाथ बज्र ध्वजा विराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे”
यानी प्रभु आपके हाथो में बज्र हैं ध्वजा हैं और काँधे पर जनेऊ शोभा हैं।
पौराणिक चीजों को मत छेड़िये
और अब ये देखिये .माना क्रिएटिव कीजिये लेकिन पौराणिक चीजों को मत छेड़िये। धर्म वैसे ही एक सवेंदनशील विषय है और हिन्दू धर्म को लेकर जो इतिहास रहा हैं वो क्रिएटिव लोगो का बेहद खराब रहा हैं। क्योकि वो बस यही टारगेट करते हैं। ये तो बात रही हनुमान जी के चित्रण की।
माथे पर ना हीं तिलक है ना ही त्रिपुंड
इसके अलावा इस फिल्म में रावण के किरदार के साथ भी छेड़खानी कर रखी हैं।‘भगवान शिव के भक्त लंकापति रावण की भूमिका में सैफ अली खान का चित्रण ऐसे किया गया है जैसे आतंकी खिलजी या चंगेज खान या औरंगजेब है। माथे पर ना हीं तिलक है ना ही त्रिपुंड। कहीं रावण की दाढ़ी, कहीं रावण के हेयरस्टाइल तो कहीं रावण के विमान पुष्पक। सैफ के किरदार लंकेश रावण के लुक को बिल्कुल भी पसंद नहीं किया जा रहा और इसकी तुलना लोग औरंगजेब और अलाउद्दीन खिलजी से की जा रही है।