लखनऊ। जिलों के दौरे पर निकलने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मंत्री समूहों को तत्काल पहुंचने को कहा है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां अतिवृष्टि से उपजी परिस्थितियों की उच्चस्तरीय बैठक कर समीक्षा करते हुए अधिकारियों को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं। जिलों में 24×7 कंट्रोल रूम एक्टिव करने, प्रभावित लोगों को तत्काल मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
राहत एवं बचाव के प्रयास का आदेश
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिए हैं कि मंत्री समूह अपने प्रभार वाले मंडलों-जिलों में तत्काल दौरा कर राहत एवं बचाव के प्रयासों को और बेहतर बनाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री का निर्देश है कि फसल नुकसान का आकलन जल्द करें। आश्वासन दिया कि हर प्रभावित किसान को मदद मिलेगी।योगी ने अतिवृष्टि से प्रभावित सभी जिलों में राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज करने और एडीएम, जॉइंट मैजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जिलों के कंट्रोल रूम को 24×7 क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि विगत कुछ दिनों में अत्यधिक बरसात से जनजीवन, पशुधन और खेती-किसानी पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है।
जन-धन हानि
कई जिलों में जन-धन हानि की सूचना मिली है। राज्य सरकार सभी प्रभावित जनों की सुरक्षा और भरण-पोषण के लिए आवश्यक प्रबंध करने को प्रतिबद्ध है। अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, सर्पदंश तथा डूबने से हुई जनहानि पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने दिवंगत व्यक्तियों के परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल वितरित किए जाने तथा घायलों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आमजन को तत्काल मदद पहुंचाई जाए। राहत पैकेट के वित्तरण में देरी न हो। राहत शिविरों में प्रकाश आदि के पर्याप्त प्रबंध होने चाहिए। यह संवेदना और सहयोग का समय है। हमारी पूरी टीम को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न जलजनित, मच्छर जनित बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ने की आशंका है।
कृषि फसलों पर पड़े प्रभाव की समीक्षा
ऐसे में राहत शिविरों का समीप स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। यहां एंटी वेनम इंजेक्शन की उपलब्धता जरूर रहे।कृषि फसलों पर पड़े प्रभाव की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में राजस्व और कृषि विभाग की टीम गहन सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आकलन करे। ताकि किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। मुख्यमंत्री ने इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए किए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पशु चारे का पर्याप्त प्रबन्ध किया जाए। वर्तमान में प्रदेश के 15 जिलों में 1500 से अधिक गांवों की लगभग 25 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। मुख्यमंत्री ने इन सभी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए आवश्यकतानुसार एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नदियों के जलस्तर की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में राप्ती और सरयू (घाघरा) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।