उत्तर प्रदेशः बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ में तैनात सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता संजय गुप्ता ने जिले के BJP सांसद उपेंद्र सिंह रावत की बात नहीं सुनी. दरअसल ग्रामीणों की समस्या को लेकर सांसद ने अधिशासी अभियंता को क्षतिग्रस्त पुल के निर्माण के लिए कई बार चिट्ठी लिखी, लेकिन अधिशासी अभियंता ने सांसद की बात और चिट्ठी पर कोई ध्यान नहीं दिया. जब क्षतिग्रस्त पुल के क्षेत्र में सांसद उपेंद्र सिंह रावत एक सड़क का शिलान्यास कर रहे थे तो ग्रामीणों ने छतिग्रस्त पुल का मुद्दा उठा दिया.
अधिशासी अभियंता द्वारा बात न सुनने पर सांसद को गुस्सा आ गया. सांसद ने वहीं से सहायक अभियंता को फोन किया और जमकर फटकार लगा दी. सांसद के फोन के बाद सहायक अभियंता ने अपने आप को खतरा बताते हुए दुर्घटना की आशंका जताई है. सहायक अभियंता ने अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर छुट्टी की मांगी की है. दरअसल शनिवार को बाराबंकी जिले के विकासखंड त्रिवेदीगंज के दहिला में सड़कों का शिलान्यास करने बाराबंकी सांसद उपेंद्र सिंह रावत पहुंचे थे.
ग्रामीणों ने कहने पर सांसद को आ गया गुस्सा
सांसद उपेंद्र सिंह रावत से वहां के लोगों ने कांहीपुर जाने वाली सड़क पर जर्जर पुल का मुद्दा उठाया. सांसद द्वारा बार-बार चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी ग्रामीणों की समस्या का निस्तारण ना होने से सांसद को गुस्सा आ गया. इसके बाद वहीं से सांसद ने सहायक अभियंता से मोबाइल फोन पर बात करते हुए जमकर फटकार लगा दी. सांसद के बाद करने के बाद सहायक अभियंता पंचम संजय गुप्ता ने अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर कहा है कि सांसद उपेंद्र रावत ने मोबाइल पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया.
सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर हुई
सहायक अभियंता ने कहा कि सांसद की बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि मेरे साथ कोई भी दुर्घटना कराई जा सकती है. इसलिए जब तक शासन स्तर से सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक छुट्टी स्वीकृत कर दी जाए. सहायक अभियंता ने अधिशासी अभियंता को भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि डीएम व अन्य विभागीय अधिकारियों को भी भेजी है. सांसद उपेंद्र सिंह रावत का कहना है कि त्रिवेदीगंज क्षेत्र में एक सड़क है काहुंपुर से मंझुपुर यह सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत मंजूर हुई है.
20 करोड़ की लागत वाली सड़क का लाभ नहीं मिला
इस सड़क के शुरू होते साढ़े 3 किलोमीटर के बाद एक पुल है जो जर्जर है. नहर विभाग ने पुल के सामने दीवार बना कर आवागमन रोक दिया है. जब से यह सड़क मंजूर हुई है. तभी से बार-बार सहायक अभियंता को पुल निर्माण के लिए चिट्ठी लिखी जा रही है. लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पुल न बनने पर 20 करोड़ की लागत से बनने वाली सड़क का जनता को लाभ नहीं मिल सकता. इसी को लेकर सहायक अभियंता से बात की गई थी.
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