प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लेकर मंगलवार रात जमकर हंगामा हुआ। कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर एक गुट ने पथराव किया। पथराव के बाद छात्रों में भगदड़ मच गई। वहीं घटना के बाद कैंपस की बिजली काट दी गई जिसके बाद छात्र मोबाइल पर इस डॉक्यूमेंट्री को देख रहे है। बता दें कि इससे पहले यूनिवर्सिंटी प्रशासन की तरफ से डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग नहीं दिखाने की सलाह दी थी। किसी दौरान वहीं पर जमा हुए लेफ्ट विंग के ढात्रों पर पथराव किया गया। लेफ्ट विंग के छात्रों ने ABVP के छात्रों पर पथराव का आरोप लगाया है। पथराव का आरोप लगाया है। पथराव के बाद भगदड़ के बीच छात्रों ने दो लोगों को पकड़ लिया और उन पर पत्थरबाजी में शामिल होने का आरोप लगाया। लेफ्ट विंग के छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर भी कार्रवाई में देरी का आरोप लगाते हुए जेएनयू स्टूडेंटस यूनियन अध्यक्ष आईशी घोष के नेतृत्व में वसंत कुंज थाने तक मार्च किया और वहां शिकायत दर्ज करवाई।
एबीवीपी आरोपी छात्रों पर तुरंत एक्शन लिया जाए
वहीं छात्रो का दावा है कि उन्होंने पथराव करने वाले छात्रों के नाम पुलिस को दे दिए हैं। अखिरकार वसंत कुंज थाने में ये प्रोटेस्ट खत्म हो गया। छात्र संघ ने मांग की है कि एबीवीपी आरोपी छात्रों पर तुरंत एक्शन लिया जाए। फिलहाल जेएनयू कैंपस में बिजली बहाल हो गई है। इस पूरी गहमा गहमी के बीच एहतियातन कैंपस के गेट के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी हालत से निपटा जा सक।
कैंपस के कई इलाकों में बिजली काट दी गई
बता दें कि डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग मंगलवार रात 9 बजे शुरू होने वाली थी। प्रशासन की इजाज़त के बगैर विंग के छात्रों ने इसकी स्क्रीनिंग करने की जिद ठान ली। जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने चेतावनी दी थी कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी लेकिन लेफ्ट विंग के छात्र नहीं माने। लेफ्ट विंग के छात्रों ने दावा किया कि इससे माहौल खराब नहीं होगा और स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरु कर दी। इस बीच कैंपस के कई इलाकों में बिजली काट दी गई।
दरअसल, इस संबंध में छात्रसंघ की ओर से बीबीसी के विवादस्पद डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण की घोषणा को लेकर एक पोस्टर जारी किया गया था। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से कहा था कि वो इस कार्यक्रम को रद्द कर दें नहीं तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्वीटर और यूट्यूब को इंडिया: द मोदी क्वेश्चन नामक डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को दुष्प्रचार का हिस्सा बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। हालांकि, विपक्षी दलों ने डॉक्यूमेंट्री तक पहुंच को अवरुद्ध करने के सरकार के कदम की आलोचना की है। जोएनयू प्रशासन ने सोमवार को एक एडवाइजरी में कहा कि छात्रसंघ ने कार्यक्रम के लिए उसकी अनुमति नहीं ली है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे शांति और सद्भाव भंग हो सकता है।