पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र के मौजूदा गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी विवादों में हैं। वहीं पिछले हफ्ते वे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। इस वजह से राज्य में नए राज्यपाल की नियुक्ति तय मानी जा रही है। बता दें कि आर्मी से रिटायर्ड कैप्टन अमरिंदर की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय हो चुका हैं।
खुद पटियाला से चुनाव हार गए थे अमरिंद
वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए भी चर्चा में था। हालांकि बाद में पार्टी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार घोषित कर दिया था। उस वक्त कैप्टन का विदेश में इलाज चल रहा था और उस समय कैप्टन की पार्टी का बीजेपी में विलय नहीं हुआ था।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ही कैप्टन को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया था। जिसके बाद कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ दी और BJP से जा मिले। कैप्टन सीधे तौर पर चुनाव में कोई करिश्मा नहीं दिखा सके। यहां तक की वह खुद पटियाला से चुनाव हार गए। वहीं बीजेपी भी ज्यादा सीटें नहीं जीत पाई। हालांकि बीजेपी पंजाब से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में जरूर कामयाब रही।
अमरिंदर के पिता पटियाला राज्य के अंतिम महाराजा थे
कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला से विधायक व पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने 2002 से 2007 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1963 से 1966 तक भारतीय सेना में भी काम किया। जानकारी के लिए बता दें कि उनके पिता पटियाला राज्य के अंतिम महाराजा थे।कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर को अमृतसर सीट पर उतारा था। उनकी टक्कर पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली से थी। जिन्हें हराकर कैप्टन सांसद बने। लेकिन उन्होंने 2017 पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद वह पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए।
कोश्यारी ने सोशल मीडिया पर जाहिर की अपनी इच्छा
वहीं महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को पद छोड़ने का ऐलान करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मैंने सभी राजनीतिक जिम्मेदारियां छोड़ने की इच्छा जाहिर की है। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके पद छोड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया जाएगा। वह पीएम मोदी के काफी करीब हैं।