उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। बता दें कि पुलिस प्रशासन सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। इसी दौरान एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से खुद को बंद कर लेती है। फिर जब पुलिस वहां पहुंची है तो वह दरवाजा तोड़ देती है। वहीं इसी बीच, झोपड़ी में आग लग जाती है। उस आग के चपेट में महिला और उसकी बेटी जिंदा जल जाती है जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है। वहीं दोनो को बचाने में पति कृष्ण गोपाल बुरी तरह झुलस गए।
ये मंजर देख मृतक मां का बेटा शिवम चीखता रहा लोगो से मदद की गुहार लगाता रहा। फिर भी कोई फायदा न हुआ। वही अपनी पति और बेटी को जलता देख पिता कृष्ण गोपाल भी बुरी तरह झुलस गए। शिवम के शरीर के कई अंग भी जले, लेकिन दोनो महिलाओं की जलकर दर्दनाक मौत हो गई है।
बता दें कि इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है। वहीं वीडियो में साफ साफ देखा जा सकता है की जमीन पर घर का ढेर सारा सामान फैला हुआ दिख रहा है। वही सामने जलती हुई आग की लपटें दिख रही है। दो लोगों के जोर जोर से बिलखने की आवाज आ रही है। अनुमान है कि ये दोनों कृष्ण गोपाल और उनका बेटा शिवम हैं. वीडियो में ‘शिवम’ बोल रहा है कि देखो… भैया देखो, मेरी मम्मी जल रही हैं। ये सब गाड़ी छोड़कर भी चले गए हैं।

वही पुलिस ने आग में जलते देख मां और बेटी को बचाने के लिए बुल्डोजर मांगती है और झोपड़ी गिरवा देती है। मैथा तहसील के मड़ौली गांव मां-बेटी की मौत के बाद ग्रामीण आकोशित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को दौड़ा लिया। अफसरों ने भागकर अपनी जान बचाई।
अब इस घटना को लेकर सियासत भी काफी तेज हो गई है। वहीं प्रदेश सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला मृतक के परिवार से मिलने पहुंची। आज मां बेटी की मौत के बाद परिजनों से मिलने कांग्रेस का प्रदेश स्तर के प्रतिनिधि मंडल कानपुर देहात के मड़ौली गांव पहुंचेगा। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ब्रजलाल खाबरी, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव समेत जिला कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि मंडल भी गांव पहुंचेगा।
क्या है पूरा मामला
बता दें की पीड़ित ने कानपुर देहात के मैथा तहसील में तैनात एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और रुरा थाना प्रभारी दिनेश कुमार गौतम समीर लेखपाल अशोक सिंह को आरोपी बताया है। वहीं पीड़ित परिवार का आरोप यह है कि कब्जे को ध्वस्त करने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर कृष्ण गोपाल दीक्षित के परिवार को झोपड़ी में जबरन कैद कर उस पर आग लगा दिया। इसके चलते झोपड़ी के अंदर फंसी मां बेटी को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और दोंने की झुलस कर नौत हो गई। इसके बाद कानपुर देहात के मंडोली गांव में पुलिस और प्रशासन पर ग्रामिणों और परिजनों ने हमला कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही कानपुर रेंज के आईजी और एडीजि जून सहित मंडलायुक्त राजशेखर भी मौके पर पहुंचे।
परिवार ने क्या लगाया आरोप
पीड़ित कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि उनका परिवार काफी लंबे समय से इस भूमि पर काबिज है। इस वजह से उनके परिवार के ही रिश्तेदार उनका विरोध करते चले आ रहे है और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर उन्होंने उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी। इसके चलते उनकी बेटी और पत्नी की आग से जलकर मौत हो गई। वहीं देर रात तक प्रशासन परिवार को समझाने की कोशिश करता रहा और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास कर रहा था।

परिवार ने उठाई ये मांग
वहीं परिवार लगातार अपनी मांगो को लेकर अड़ा रहा इसमें 50 लाख परिवार के लिए मुआवजा, घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभाव से मुलाकात और साथ ही परिवार को आजीवन पेंशन की मांग रखी है। वहीं कानपुर देहात पुलिस ने 11 नामजद लोगों के साथ-साथ एक कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसा गंभीर धाराओं में मुदमा दर्ज कर दिया है।