उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज विधानसभा में एक अलग ही रंग में नज़र आए। उन्होंने सदन में नेता विपक्ष अखिलेश द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का एक-एक करके जवाब दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामचरितमानस को लेकर कहा कि तुलसीदास ने समाज को जोड़ने का काम किया है। वहीं योगी ने कहा कि सपा इस पवित्र ग्रंथ को जलाकर देश और दुनिया में रहने वाले करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने का काम कर रही है। जो कि प्रदेश की जनता बिल्कुल भी बर्दाशत नहीं करेगी।
रामचरितमानस को लेकर गरजे सीएम योगी
वहीं सीएम ने कहा कि रामचरितमानस के सुंदरकांड में एक प्रसंग आता है, जिसमें श्री राम समुद्र से लंका में जाने का रास्ता मांगते हैं। रास्ता नहीं मिलने पर वह ङय बिन होए न प्रीत की बात कहते हैं और समुद्र को चेतावनी देकर आगे की कार्रवाई करते हैं। तब समुद्र भड़क जाता है और श्रीराम के सामने अपनी बात कहता हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानमंडल के बजट सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सपा पर आरोप लगाए कि समाजवादी पार्टी का कार्यालय आज संत तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है और रामचरितमानस जैसे पावन ग्रंथ को अनादर भाव के साथ जगह-जगह अपमानित करने का काम कर रहा है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा इसे आपत्तिजनक बताई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी से यही कहना चाहता हूं कि जहां इस बात पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश राम और कृष्ण की धरती है। यहीं पर रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ रचे गए हैं। इस पर उत्तर प्रदेश के वासियों को गौरव की अनुभूति होती है।
इतना ही नहीं योगी आदित्यनाथ कहा कि क्या आप उस पवित्र ग्रंथ को जलाकर देश और दुनिया में रहन वाले हिंदुओं को अपमानित करने का काम नहीं कर रहे हैं? कोई इस प्रकार की अराजकता को कैसे स्वीकार कर सकता है। इसलिए मुझे एक पंक्ति याद आती है ‘जाको प्रभु दारुण दुख देही, ताकि मति पहले हर लेही’ यानी जो भी बचा कुचा था वह भी अब तुमने स्वाहा कर दिया है। बताते चलें कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने अभी हाल में ही श्री रामचरितमानस की एक चौपाई को दलित और महिला विरोधी करार देते हुए विवादों में घिर गए थे और इस पर पाबंदी लगाने की मांग की थी। उनके इस बयान के बाद संत समाज और भाजपा ने अपनी प्रक्रिया भी दी थी। उनकी इस टिप्पणी से अन्य लोग भी काफी आहत हुए थे।