प्रयागराज के चर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में बिरयानी कनेक्शन भी सामने आया है। मामले की जांच के दौरान बाहुबली और पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबी बिरयानी शॉप संचालक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। दरअसल हत्याकांड में जिस क्रेटा कार का इस्तेमाल किया गया था, वह बिरयानी शॉप संचालक नफीस अहमद की बताई जा रही है।
कहां से कहां तक जुड़े हैं कार के तार…
पुलिस को जानकारी मिली थी कि बिरयानी शॉप संचालक नफीस ने कुछ महीने पहले ही कार को एक महिला को बेच दिया था। जब खोज-बीन की गई तो पता चला कि नफीस ने अपनी क्रेटा कार को शहर के जीटीबी नगर इलाके की रहने वाली रुखसार नाम की एक महिला को बेचा दिया था। कार को लेकर सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि बिना नंबर की यह क्रेटा कार पुलिस को बाहुबली अतीक अहमद के घर के पास से बरामद हुई थी।
नफीस और रुखसार… दोनों फरार
पुलिस ने इंजन और चेचिस नंबर के आधार पर कार के मालिकों का पता लगाया। बता दें कि संदिग्ध नफीस सिविल लाइंस इलाके में ईट ऑन के नाम से बिरयानी शॉप चलता है। एसटीएफ ने नफीस के घर और रेस्टोरेंट पर छापेमारी की है। वहीं जिस महिला को कार बेची गई थी वह फरार है। नफीस और रुखसार दोनों के फरार होने की वजह से जांच एजेंसियों का इन पर शक और गहरा गया है। वहीं बिरयानी शॉप संचालक नफीस और अतीक अहमद गिरोह का पुराना कनेक्शन हैं।
धरने पर बैठी में महिलाओं को नफीस ने बांटी थी बिरयानी
मिली जानकारी के अनुसार नफीस की बिरयानी शॉप पहले अतीक अहमद की जमीन पर ही चलती थी। प्रशासन ने साल 2020 में नफीस के किचन पर बुलडोजर चला दिया था। वहीं एक साल बाद उसके पुराने रेस्टोरेंट पर भी बाबा बुलडोजर चला था। नफीस के तार सीएए और एनआरसी के आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं। दरअसल जब सीएए-एनआरसी का आंदोलन चल रहा था, उस वक्त धरना पर बैठी महिलाओं को नफीस ने बिरयानी बांटी थी। तबसे वह सुर्खियों में है।