गाजियाबाद की एक विशेष अदालत ने पूर्व बसपा विधायक असलम चौधरी समेत चार को अवैध रूप से जमीन कब्जा करने के प्रयास के मामले में अदालत ने सजा सुनाई है। वहीं मामले में विधायक सहित अन्य चार आरोपियों को छह महीने की सजा सुनाई गई है। साथ ही प्रत्येक को 10,500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। ये पूरा मामला मसूरी थाना क्षेत्र का हैँ।
जानें पूरा मामला
वहीं लोक अभियोजक विमलेश कुमारी ने बताया डासना निवासी मंडी समिति के पूर्व चेयरमैन लाइक अहमद ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि डासना क्षेत्र में एक भूमि पर उसका मकान है। दिनांक 7 जनवरी 2006 को पूर्व विधायक असलम अली के साथ कुछ लोग आए और उसके मकान की बाउंड्री को गिरा दिया। लाइक अहमद बीमारी से ग्रस्त होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ है। वहीं उसके दोनों पुत्र देखने सुनने में असमर्थ है। जिसका फायदा उठाकर पूर्व विधायक समेत सभी लोग जमीन पर कब्जा कर उसे बेचना चाहते थे। पुलिस ने मुकदमा लाइक अहमद की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करके अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
मामले की अंतीम सुनवाई एसीजेएम थर्ड कोर्ट न्यायाधीश रवि शंकर गुप्ता की अदालत में हुई। वहीं अदालत ने सबूतों के आधार पर पूर्व विधायक असलम अली, हाजी निजाम, शाहिद अली और मुजम्मिल को दोषी करार देते हुए 6 माह के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक को 10,500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। मामले में मुख्य गवाह वादी लाइक अहमद की पुत्री ने अपने बयान बदल दिए थे बावजूद उसके अदालत ने सबूतों के आधार पर आरोपियों को सजा सुनाई।