साक्षात्कार के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने दुनिया के परिप्रेक्ष्य को जीडीपी-केंद्रित से मानव-केंद्रित विकास में बदलाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत इस परिवर्तन में एक प्रेरणादायक भूमिका निभा रहा है, और उनका मानना है कि “सबका साथ, सबका विकास” (सबका साथ, सबका विकास) का सिद्धांत वैश्विक कल्याण के लिए एक मार्गदर्शक दर्शन हो सकता है।प्रधान मंत्री मोदी ने आगे टिप्पणी की कि वह वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने की कल्पना करते हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया कि भारत के राष्ट्रीय जीवन में भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का कोई स्थान नहीं है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ यह विशेष साक्षात्कार ऐसे समय में आया है जब भारत जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जहां दुनिया भर के नेता महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। भारत के भविष्य के लिए प्रधान मंत्री की अंतर्दृष्टि और दृष्टिकोण इन महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों को लेकर भारत के प्रभाव को बढ़ाते हैं।