कोलकाता। पिछले दिनों संसद प्रांगण में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के मिमिक्री उतारने वाले तृणमूल संसद कल्याण बनर्जी ने एक बार फिर से उपराष्ट्रपति की मिमिक्री उतारी. कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पहले उपराष्ट्रपति की मिमिक्री उतारी और फिर कहा कि यह एक आर्ट है, अगर जरूरत पड़ती है तो मैं यह हजार बार करूंगा. ऐसा करने के लिए मेरे पास मेरे मौलिक अधिकार हैं.
मिमिक्री एक हास्य अभिनय है समझने के लिए सभ्य दिमाग की जरूरत
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, यह पहली बार नहीं है जब मैंने ऐसा किया है. इससे पहले मैं यह काम 2014 से 2019 तक कई बार कर चुका हूँ, जिसमें प्रधानमंत्री की मिमिक्री उतरना भी शामिल है. मिमिक्री कर जरिए मेरा किसी के भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं होता है. यह एक हास्य अभिनय है, अगर किसी के पास इसकी सराहना के लिए सभ्य दिमाग नहीं है, तो वह असहाय है. आप कुछ नहीं कर सकते.
किसान के बेटे का अपमान किया गया
गौरतलब है कि लोकसभा में संसद सुरक्षा को लेकर हुए हंगामें को लकेर लोकसभा और राज्यसभा के करीब 146 संसदों को निलंबित कर दिया गया था. जिसके बाद संसद प्रांगण में प्रदर्शन के दौरान तृणमूल संसद ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री उतारी थी. जिसको लेकर विवाद छिड़ गया. मामले को लेकर उपराष्ट्रपति ने कहा था कि यह मेरा नहीं बल्कि संवैधानिक पद का अपमान है, बल्कि जाट समुदाय के एक किसान के बेटे के रूप में किसान का अपमान किया गया है.