नई दिल्ली। साल के पहले दिन आज भारत अंतरिक्ष में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने की योजना बना है। चंद्र और सूर्य मिशन के बाद भारत अब ब्लैक होल्स और सुपरनोवा जैसी सुदूर चीजों के अध्ययन के लिए मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए इसरो आज सोमवार को अपने नए अंतरिक्ष मिशन के सफलता के लिए एक्सपोसैट (XPoSat) सैटेलाइट छोड़ेगा।
भारत का पहला मिशन
एक्सपोसैट एक्स-रे पोलेरिमीटर( X-ray Polarimeter Satellite) सेटेलाइट का संक्षिप्त रूप है। यह भारत का पीएसएलवी इसे 650 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा. इसे पांच साल तक काम करने के हिसाब से डिजाइन किया गया है. यह एक्स-रे के अहम डेटा को जुटाएगा और जिससे हमें ब्रह्मांड को बेहतर तरीके समझने में मदद मिलेगी. वेधशाला की तरह काम करने वाला यह दुनिया का दूसरा सैटेलाइट होगा. इससे पहले नासा और इटली की अंतरिक्ष एजेंसी ने एक साथ मिल कर 2021 में आईएक्सपीई नाम का सैटेलाइट छोड़ चुके हैं जो वेधशाला का काम करता है.
🚀 PSLV-C58/ 🛰️ XPoSat Mission:
The launch of the X-Ray Polarimeter Satellite (XPoSat) is set for January 1, 2024, at 09:10 Hrs. IST from the first launch-pad, SDSC-SHAR, Sriharikota.https://t.co/gWMWX8N6IvThe launch can be viewed LIVE
from 08:40 Hrs. IST on
YouTube:… pic.twitter.com/g4tUArJ0Ea— ISRO (@isro) December 31, 2023
आज होगा XPoSat का प्रक्षेपण
इसरो द्वारा इसे चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर प्रक्षेपण किया जाएगा। भारत का यह मिशन, एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा. इसरो के अनुसार, यह खगोलीय स्रोतों से एक्स-रे उत्सर्जन का अंतरिक्ष आधारित ध्रुवीकरण माप में अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी का पहला समर्पित वैज्ञानिक उपग्रह है।