LS Polls : रायबरेली और अमेठी से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। प्रियंका गांधी चुनाव में भाग नहीं लेंगी। अब इसका राजनीतिक अर्थ खोजा जा रहा है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा सदस्य चुनाव के बाद से रायबरेली के लिए एक प्रत्याशी की खोज शुरू हो गई है। शुरूआत में प्रेमिका रायबरेली में दिलचस्पी दिखाती थीं। वह इस क्षेत्र से चुनाव में भाग लेना चाहती थीं। इसी समय राहुल गांधी ने अपनी न्यायिक यात्रा शुरू की। पार्टी के कुछ नेताओं ने प्रियंका के स्थान पर राहुल को रायबरेली नामांकित किया। प्रियंका ने इस पर कुछ नहीं कहा। धीरे-धीरे उनकी टीम भी यूपी चुनाव से दूर होती नजर आई।
अपने भाई से प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहती हैं,
साथ ही सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी चाहती हैं कि राहुल गांधी और उनके बीच सियासत में कोई विवाद न हो। ऐसे में, उन्होंने अपनी टीम को भी स्पष्ट रूप से बताया कि चुनाव में किसी भी समय संघर्ष होगा। क्योंकि उनकी टीम ने रायबरेली, प्रयागराज, फूलपुर और वाराणसी सीटों का सर्वे करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रियंका को दी थी। उन्होंने इस रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया था। तब से उनके चुनाव लड़ने को लेकर शक था।
किशोरी लाल शर्मा जी से हमारे परिवार का वर्षों का नाता है। अमेठी, रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन-प्राण से लगे रहे। उनका जनसेवा का जज्बा अपने आप में एक मिसाल है।
आज खुशी की बात है कि श्री किशोरी लाल जी को कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है। किशोरी लाल जी की…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 3, 2024
किशोरी को वफादारी का पुरस्कार मिला
Congress Candidate: रायबरेली से राहुल गांधी और अमेठी से केएल शर्मा को उम्मीदवार घोषित
किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब के लुधियाना से हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी ने उन्हें पहली बार अमेठी भेजा था। तब से वह यहीं रहे। 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु के बाद गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद कर दिया, लेकिन शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के रूप में काम करते रहे। उन्हें संगठन की तरह परिवार की भी वफादारी प्राप्त है। सोनिया गांधी को रायबरेली से चुने जाने के बाद, वे उनके प्रतिनिधि के रूप में काम करते रहे। किशोरी को सोनिया गांधी के चुनाव नहीं लड़ने पर रायबरेली से दावेदार माना जाता था, लेकिन पार्टी ने उन्हें अमेठी से उम्मीदवार बनाया।