थोक बाजार की कीमतों पर आधारित महंगाई, या WPI महंगाई, के नवीनतम आंकड़े सामने आए हैं। ये अप्रैल के मुकाबले मई में दोगुना से अधिक बढ़ी है और पूरे 15 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। भविष्य में रिटेल बाजार और आम जनता पर कुछ महंगाई का असर हो सकता है. तब देखना होगा कि आरबीआई इस बारे में क्या निर्णय लेता है।
देश में मई में थोक महंगाई की दर 2.61% रही है। ये अप्रैल के 1.26% से लगभग दोगुना है। जबकि देश की थोक महंगाई दर पिछले साल मई में शून्य से भी कम थी, यानी निगेटिव थी। ये 3.61% रहा।
मुख्य बातें
- मई में थोक महंगाई दर 2.61% रही, जो अप्रैल के 1.26% से दोगुनी है।
- यह 15 महीनों का उच्चतम स्तर है।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि, विशेष रूप से सब्जियों, दालों और तेलों ने इस वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाई है।
- मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 9.82% थी, जो अप्रैल में 7.74% थी।
- पेट्रोल, डीजल और बिजली की कीमतों में वृद्धि के कारण ईंधन और बिजली क्षेत्र में महंगाई 1.35% रही।
- यह आंकड़ा चिंताजनक है क्योंकि यह आने वाले महीनों में रिटेल महंगाई को बढ़ा सकता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस मुद्दे पर नजर रख रहा है और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की संभावना है।
महंगी सब्जियों को जेब में डाल दिया
महंगी सब्जियों की कीमतों ने आम आदमी की जेब पर सबसे ज्यादा डाका डाला। प्याज और आलू सहित अन्य सब्जियों की थोक कीमतों में जबरदस्त इजाफा हुआ। मई में सब्जियों की महंगाई दर 32.42% रही है। अप्रैल में यह आंकड़ा 23.60% था। मई में आलू का मूल्य 64.05 प्रतिशत था, जबकि प्याज का मूल्य 58.05 प्रतिशत था।
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महंगाई ने मई में दोगुना होकर 15 महीनों का रिकॉर्ड तोड़ा
WPI इंफ्लेशन के मई के आंकड़े शुक्रवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जारी किए हैं। इसमें फूड इंफ्लेशन के आंकड़े भी हैं। आंकड़े बताते हैं कि मई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 9.82% थी, जो अप्रैल में 7.74% थी। दालों की कीमतें सबसे महंगी हैं। मई में दालों की महंगाई दर 21.95 प्रतिशत रही।
बिजली और ईंधन महंगी हैं
मई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से लेकर बिजली की कीमतें बढ़ने से आम आदमी का बजट प्रभावित हुआ है। ईंधन और बिजली क्षेत्र में मई में महंगाई दर 1.35 प्रतिशत रही है। इसके अलावा, मैन्यूफैक्चर्ड उत्पादों की कैटेगरी में महंगाई दर 0.78% रही है।
वास्तव में, मई में रिटेल महंगाई के आंकड़े मई में थोक महंगाई के आंकड़े से अलग हैं। मई में रिटेल महंगाई दर 475% पर आ गई, जो पिछले वर्ष का सबसे निचला स्तर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी मौद्रिक नीति बनाते समय रिटेल महंगाई का मुख्य ध्यान रखता है।