West Bengal: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) West Bengal में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल उठा रही है। इस बीच, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक व्यक्ति एक महिला और एक पुरुष को डंडे से बेरहमी से पीटता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने दावा किया है कि यह वीडियो पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के लक्ष्मीकांतपुर का है।
महिला की बेरहमी से पिटाई
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख ने आरोप लगाया, “वीडियो में महिला की बेरहमी से पिटाई करने वाला लड़का तजेमुल है, जो इलाके में जेसीबी के नाम से मशहूर है। वह अपनी इंसाफ सभा के जरिए तुरंत न्याय दिलाने के लिए इलाके में मशहूर है।” उन्होंने आरोप लगाया कि तजेमुल टीएमसी विधायक हमीदुल रहमान का करीबी है।”
टीएमसी शासन में शरिया अदालत
अमित मालवीय ने आरोप लगाया, “भारत को टीएमसी शासित West Bengal में शरिया अदालतों की वास्तविकता से अवगत होना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महिलाओं के लिए अभिशाप हैं। बंगाल में कानून व्यवस्था का नामोनिशान नहीं है। क्या ममता बनर्जी इस राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या शेख शाहजहां की तरह उसका बचाव करेंगी?
Not even #KangarooCourt ! Summary trial and punishment handed out by d @AITCofficial goon nicknamed JCB.
Literally bulldozer justice at Chopra under @MamataOfficial rule. pic.twitter.com/TwJEThOUhi— Md Salim (@salimdotcomrade) June 30, 2024
बीजेपी पर बंगाल में बढ़ती हिंसा का आरोप
इससे पहले गुरुवार (27 जून, 2024) को अमित मालवीय ने सीएम ममता बनर्जी से सवाल किया था और कहा था कि पश्चिम बंगाल में बढ़ती राजनीतिक हिंसा चिंता का विषय है. उन्होंने आरोप लगाया था कि कूचबिहार जिले में बीजेपी पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता को निर्वस्त्र कर पीटा गया.
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इसके बाद शुक्रवार (28 जून) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उनकी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा की एक महिला नेता की पिटाई की.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) को पत्र लिखा और उन्हें 25 जून को हुई घटना की जानकारी दी और उनसे इसकी जांच करने का अनुरोध किया.