इस दौरान अखिलेश यादव ने केंद्र की एनडीए सरकार पर बड़ा हमला किया। उन्होंने पेपर लीक का मुद्दा उठाया, अग्निवीर योजना के खिलाफ विरोध जताया, और नकल माफिया के बारे में भी बात की, जिससे वे भाजपा सरकार को घेर रहे थे। उन्होंने केंद्र की 5 ट्रिलियन इकोनॉमी हासिल करने के दावे पर भी टिप्पणी की।
‘ये चलने वाली सरकार नहीं…’ – अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव के समय सत्तापक्ष ने ऐसा दावा किया था कि वे 400 सीटों को पार करेंगे। हालांकि, लोगों ने हुकूमत को गिरा दिया। दरबार अब बहुत उदास और निराश है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार अब सत्ता से बाहर है। जनता यह संकेत दे रही है कि इस सरकार का अब अंत होने वाला है। यह सरकार गिरने वाली है क्योंकि ऊपर से कोई समर्थन नहीं है, नीचे से कोई आधार नहीं है, और अधर में जो भी बचा है, वह कोई सरकार नहीं है। सपा के नेता ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को हमें राज्य से आज़ादी मिली थी, तो 4 जून 2024 को सांप्रदायिक राजनीति के अंत का दिन है। यहां सांप्रदायिक राजनीति का अंत हो गया है और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत हो गई है। इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति की हार हो गई है।
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‘संविधान रक्षकों की जीत हुई’ – अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे देश में प्रति व्यक्ति आय की स्थिति देखें। यदि हमारी सरकार कहती है कि हम 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बना सकते हैं, तो उत्तर प्रदेश की इकॉनमी को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए हमें 35% की ग्रोथ दर चाहिए। मुझे लगता है कि इस लक्ष्य को हम पूरा नहीं कर पाएंगे। अखिलेश यादव ने भी बताया कि चुनाव के माध्यम से राजनीति को तोड़ने वालों की हार हुई है और जोड़ने वालों की जीत हुई है। नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है और संविधान के रक्षकों की जीत हुई है। अब समाज की नीचे से उठने वाली आधार पर ही राजनीति की शुरुआत होगी। इसका मतलब है कि अब मनमर्जी की बजाय जनमर्जी की सुनी जाएगी। यह चुनाव का बड़ा संदेश है।
‘मनमर्जी नहीं, अब चलेगी जनमर्जी‘, अखिलेश ने मोदी पर किया हमाल
अखिलेश यादव ने कहा है कि हम हंगर इंडेक्स में कहां खड़े हैं। वे यह बताने के लिए कहते हैं कि हम हंगर इंडेक्स में कितने नीचे आ गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि यहां सरकार जिसे चुनाव में हार मिली है, वह अब सत्ता से बाहर है। इस चुनाव में इंडिया गठबंधन की नैतिक जीत हुई है। यह चुनाव ने साबित किया है कि अब मनमर्जी की बजाय जनमर्जी की बात सुनी जाएगी।