Guwahati: असम में कछार जिले से एक मुठभेड़ की खबर सामने आई है, जिस पर अब सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के दावे के अनुसार, कछार पुलिस ने तीन ह्मार उग्रवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया है.
हालांकि, कुछ सामने आए वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ये हत्याएं थीं, फर्जी मुठभेड़ नहीं. वीडियो में दिख रहा है कि (Guwahati) पुलिस इन तीनों को ऑटो रिक्शा से गिरफ्तार करती है और फिर उन्हें किसी दूसरी जगह ले जाकर मार देती है. इसके बाद, सरकार इसे मुठभेड़ बताती है.
मुख्य बातें:
- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि कछार पुलिस ने मुठभेड़ में तीन ह्मार उग्रवादियों को मार गिराया।
- यह मुठभेड़ कछार जिले में हुई, जो मणिपुर के ज़िरीबाम के पास स्थित है।
- ह्मार जनजाति मणिपुर और मिज़ोरम के कुछ इलाकों में रहती है।
- कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने तीनों व्यक्तियों को ऑटो रिक्शा से गिरफ्तार किया, उन्हें किसी स्थान पर ले जाकर मार डाला और फिर मुठभेड़ का नाटक रचा।
This is how they play the games Assam police to the kuki boys, Double fake encounters all the evidence are here #AssamPoliceExposed @AmitShah @ArijitNobody @PMOIndia @BJP4India @Hatinlang @INCIndia @IndiaTodayNE @manipur_police @narendramodi @PMOIndia @DGPAssamPolice @assampolice pic.twitter.com/C6AQdAw2Rs
— Seipu kuki (@SeipuHaokip) July 18, 2024
ह्मार संगठन हुए आक्रोशित
इस घटना के बाद ह्मार संगठनों और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है. उनका कहना (Guwahati) है कि ये हत्याएं हैं और उन्हें फर्जी मुठभेड़ के तौर पर पेश किया जा रहा है. उन्होंने घटना की स्वतंत्र जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.
वहीं, असम सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है और कहती है कि मुठभेड़ पूरी तरह से “वास्तविक” थी.
ह्मार जनजाति के बड़े संगठन ह्मार इनपुई ने बयान भी जारी किया है कि ये एक्स्ट्रा जूडिशियल किलिंग है. इस प्रेस रिलीज़ में उनके नाम भी बताए गए हैं.
हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई
फिलहाल, गुवाहाटी हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रही है और (Guwahati) असम सरकार से जवाब मांगा है. गौरतलब है कि असम में फर्जी मुठभेड़ कोई नया मामला नहीं है. 10 जुलाई 2024 को ही, सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए 4 और सप्ताह का समय दिया था.
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विवाद:
- ह्मार संगठनों और कार्यकर्ताओं ने इन हत्याओं की निंदा की है और उन्हें फर्जी मुठभेड़ करार दिया है।
- उन्होंने मांग की है कि घटना की स्वतंत्र जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
- असम सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और कहा है कि मुठभेड़ “वास्तविक” थी।
वर्तमान स्थिति:
- गुवाहाटी हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई शुरू कर दी है और असम सरकार से जवाब मांगा है।
- 10 जुलाई 2024 को, सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए 4 और सप्ताह का समय दिया।
- 9 मार्च 2024 को, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 1994 में तिनसुकिया जिले में सेना द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ मामले में 5 युवकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया।
क्या है ह्मार समुदाय?
बता दें कि ह्मार एक जनजाति है, जो मुख्य रूप से मणिपुर और (Guwahati) मिज़ोरम के कुछ इलाकों में रहती है. कछार जिला मणिपुर की सीमा से सटा हुआ है, जहां ह्मार समुदाय के लोग भी रहते हैं.
क्या इतिहास दोहराएगा खुद को?
गौरतलब है कि 9 मार्च 2024 को ही, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 1994 में तिनसुकिया जिले में सेना द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ मामले में 5 युवकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था.
असम में फर्जी मुठभेड़ का यह ताजा मामला एक जटिल मुद्दा है और अभी जांच चल रही है. हमें इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर करना चाहिए और यह उम्मीद करनी चाहिए कि न्याय होगा.