Maharashtra: आज एनसीपी, महायुति की घटक पार्टी, पूरे Maharashtra में शिंदे सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने जा रही है। एनसीपी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में एनसीपी खुद राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी, उन्होंने इसकी वजह भी बताई है। साथ ही एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कल मूर्ति गिरने की घटना पर खुद राज्य की जनता से माफी मांगी थी। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि एनसीपी अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन क्यों करने जा रही है?
कहां होगा विरोध प्रदर्शन?
जानकारी के मुताबिक आज एनसीपी अजित पवार गुट मूर्ति गिरने की घटना को लेकर राज्य में Maharashtra सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। यह विरोध प्रदर्शन आज सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक मुंबई कलेक्टर ऑफिस और छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास होगा। आपको बता दें कि यह विरोध प्रदर्शन अजित पवार गुट के मुंबई अध्यक्ष समीर भुजबल के नेतृत्व में चेंबूर में शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास होगा। आपको बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के 9 महीने में गिरने को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। सरकार जहां अपना बचाव करने में जुटी है, वहीं एनसीपी ने इस मुद्दे पर अलग ही रुख अपनाया है।
Chhatrapati Shivaji Maharaj is a name that commands respect like no one else in Maharashtra & beyond…. Yet absolute silence after the shocking collapse of Shivaji Maharaj’s statue (that was inaugurated by Modi just last year)
Like promises of #AccheDin … the statue was hollow… pic.twitter.com/wioDJKpQAv— The DeshBhakt 🇮🇳 (@TheDeshBhakt) August 26, 2024
जांच के लिए समिति गठित
आपको बता दें कि सरकार ने इस घटना को लेकर ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की है, साथ ही मूर्ति गिरने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियरों, आईआईटी विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी समिति भी बनाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि सरकार ने योद्धा राजा की “कद के अनुरूप एक भव्य मूर्ति” बनाने के लिए एक समिति भी बनाई है। यह फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया।
PM मोदी ने कैबिनेट के साथ 5 घंटे लंबी बैठक की, जिसमें 100 दिन के एजेंडे पर भी चर्चा हुई।
9 महीने पहले हुआ था अनावरण
शिंदे ने बुधवार रात दक्षिण मुंबई में अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में वरिष्ठ मंत्रियों, नौकरशाहों और नौसेना अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर पीडब्ल्यूडी की एक शिकायत के बाद दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मूर्ति का निर्माण कार्य घटिया गुणवत्ता का था। आपको बता दें कि शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण करीब 9 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।