Delhi : दिल्ली की मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा कि आज का दिन राजनीति के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज हुआ है।
भारत के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा नेता रहा हो जिसने इतनी हिम्मत दिखाई हो कि जनता के सामने जाकर कहे कि अगर मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट दो, और अगर नहीं हूं तो मत दो। यह टिप्पणी उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की घोषणा के बाद की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।
आतिशी ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि नवंबर में दिल्ली में भी चुनाव कराए जाएं। उन्होंने कहा कि विधानसभा भंग करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब सिर्फ छह महीने ही बचे हैं। दिल्ली सरकार की अवधि कितनी चलेगी, यह चुनाव आयोग की घोषणा पर निर्भर करेगा कि वह कब चुनाव कराता है।
आतिशी ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने के लिए आईआरएस की नौकरी छोड़ दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कानून नहीं ला पाए।उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों को सहन नहीं कर पाते। पिछले दो साल में हजारों छापेमारी हुईं, लेकिन आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला।
केजरीवाल को बताया ईमानदार
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा और उनकी एजेंसियों पर एक तरह से तमाचा मारा है, यह कहकर कि वे पिंजरे में बंद तोते की तरह हैं, जो सिर्फ अपने मालिक की बात ही बोल सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनेताओं को हमेशा शक की निगाह से देखा जाता है कि वे कुछ गलत तो नहीं कर रहे, लेकिन अरविंद केजरीवाल ऐसे नेता हैं जो जनता के सामने जाकर कहते हैं कि अगर वे ईमानदार हैं तो ही उन्हें वोट दें। उनकी इस घोषणा को समझने के लिए अरविंद केजरीवाल को समझना होगा।
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आतिशी ने कहा कि सोचिए, जो व्यक्ति ईमानदारी के लिए सब कुछ छोड़ देता है, उसे नींद कैसे आएगी। अरविंद केजरीवाल ने यह तय किया कि अगर किसी के मन में संदेह है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
आतिशी ने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी को मान्यता दी है और केंद्र सरकार को यह संदेश दिया है कि उनकी एजेंसियां पिंजरे में बंद तोते की तरह हैं।
सौरभ भारद्वाज ने कही ये बात
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज आपने सुना होगा कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी दफ्तर में घोषणा की कि भाजपा पिछले दो वर्षों से उन पर और आम आदमी पार्टी के नेताओं पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रही थी। लेकिन, दो साल के बाद भी ईडी और सीबीआई ने ट्रायल शुरू करते समय कुछ भी ठोस नहीं पाया। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को ज़मानत देते हुए कहा कि सीबीआई जैसे पिंजरे में बंद तोते की तरह काम कर रही है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबकि देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें राहत दी है, वे जनता के बीच जाकर अपनी अग्नि परीक्षा देंगे और तब ही कुर्सी पर बैठेंगे। सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ही एकमात्र मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पद छोड़ने के बाद जनता के बीच जाकर अपनी ईमानदारी साबित करने की बात की है। उन्होंने पार्टी दफ्तर से निकाल दिए गए नेताओं और जेल में बंद नेताओं का जिक्र किया और कहा कि पार्टी के पास पैसे की भी कमी है, फिर भी अरविंद केजरीवाल जनता के बीच जाकर ही कुर्सी पर बैठना चाहते हैं।
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उन्होंने यह भी बताया कि इतनी गंदगी फैलाने के बाद भी कुछ नहीं मिला। सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल को सजा याफ्ता कहा, जबकि वे अभी भी अंडर ट्रायल हैं। उन्हें अपनी जुबान संभालनी चाहिए, नहीं तो हम उन्हें सही रास्ते पर लाएंगे। अरविंद केजरीवाल जनता के बीच जाकर ही कुर्सी पर बैठेंगे।