Punjab News: लुधियाना में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के मामले में ज्ञानेश्वर सूद, योगेश्वर सूद और उनके सहयोगी सौरभ मदान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। 15 सितंबर 2024 को लुधियाना पुलिस ने ज्ञानेश्वर सूद और सौरभ मदान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां तीन दिन की पुलिस रिमांड के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। वहीं, योगेश्वर सूद फरार है और उसकी तलाश जारी है।
2018 में शुरु हुआ था मामला
मामला तब शुरू हुआ जब 2018 में मथुरा के ज्वैलर प्रवीण अग्रवाल ने सूद ब्रदर्स को अपने घर का इंटीरियर डिजाइन करने का काम सौंपा और इसके एवज में 1 करोड़ 20 लाख रुपये दिए। इसके बाद, सूद ब्रदर्स और एक महाराज ने प्रवीण अग्रवाल को सोने का छत्र बनाने के लिए भी मनाया, जिसका भुगतान करने से सूद ब्रदर्स ने मना कर दिया। छत्र की कीमत लगभग 1 करोड़ 31 लाख रुपये थी।
2019 में दर्ज हुआ धोखाधड़ी का केस
जब सूद ब्रदर्स (Punjab News) ने समय पर भुगतान नहीं किया और फोन उठाना बंद कर दिया, तो प्रवीण अग्रवाल ने 2019 में मथुरा पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद, सूद ब्रदर्स ने बदले की भावना से प्रवीण अग्रवाल और उनके भाइयों के खिलाफ झूठे आरोप लगाते हुए लुधियाना में एफआईआर दर्ज कराई।
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जांच में सूद ब्रदर्स के आरोप फर्जी
हालांकि, जांच में सूद ब्रदर्स के आरोप फर्जी पाए गए और अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद, 31 अगस्त 2024 को लुधियाना पुलिस कमिश्नर ने सूद ब्रदर्स और सौरभ मदान के खिलाफ 193, 420, 467, 468, 471 और 120B धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। योगेश्वर सूद अब भी फरार है और उसकी तलाश में लुधियाना पुलिस जुटी हुई है।